चेन्नई। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात में भाग लेकर लौट रहे मलेशिया के 10 नागरिकों को रविवार को यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया। इन सभी पर जमात में भाग लेने की बात छुपाने का आरोप है। हवाई अड्डा सूत्रों के मुताबिक मलेशिया के 127 नागरिक कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण तमिलनाडु में फंस गये थे। इन सभी को आज सुबह 1040 बजे बाल्टिक एयरलाइंस की विशेष उड़ान से क्वालालम्पुर रवाना होना था।
लेकिन सीमा शुल्क एवं इमिग्रेशन जांच के दौरान पता चला कि इनमें से 10 ने पिछले माह दिल्ली में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। ये सभी 10 यात्री मलेशिया से पर्यटन वीजा पर भारत आये थे और दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लिया। बाद में सभी विमान से तिरुवनंतपुरम पहुंचे जहां से सड़क मार्ग के जरिये तमिलनाडु के तेनकाशी पहुंच गये। इन सभी लोगों ने ना केवल दिल्ली के तबलीगी जमात कार्यक्रम में भाग लेने की बात छुपाई बल्कि कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए अपनी चिकित्सा जांच या खुद को अलग रखने की भी कोशिश नहीं की।
ये सभी मलेशियाई वाणिज्य दूतावास की मदद से चेन्नई पहुंचे और अपना देश वापस लौटने के लिए क्वालालम्पुर के विशेष उड़ान में चढ़ने की हरसंभव कोशिश भी की। इमिग्रेशन अधिकारियों के इन लोगों के दिल्ली के तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल होने का पता लगते ही इन सभी की यात्रा रद्द कर दी जबकि बाकी 117 यात्री क्वालालम्पुर रवाना कर दिये गये। बाद में इन सभी 10 लोगों को केंद्रीय अपराध शाखा के हवाले कर दिया गया और राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को भी इस बारे में अलर्ट कर दिया गया।
गौरतलब है कि तमिलनाडु समेत पूरे देश में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है जिसमें जमात से जुड़े लोगों का भी योगदान बताया जा रहा है। देश में कोरोना वायरस के कुल 2902 संक्रमितों में से करीब 30 प्रतिशत यानी 1023 मामले दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात में शामिल लोगों से जुड़े हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शनिवार को दिल्ली में बताया था कि तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों से जुड़े कोरोना वायरस संक्रमण के 1023 मामले देश के 17 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में पाये गये हैं।