भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश में कोरोना के नियंत्रण के लिए उठाए गए विशिष्ट कदमों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा की है। चौहान ने बताया कि चिकित्सकों की टीम लगातार कार्य कर रही है। जो व्यक्ति संक्रमण की बार्डर लाइन पर आए, उनका मेडिकल चैकअप कर उन्हें आइसोलेशन में रखा जाता है। संक्रमण की टेस्टिंग की प्रयोगशाला के माध्यम से व्यवस्था की गई है। एक अन्य लैब भी शुरू हो रही है, जिससे राज्य में 480 टेस्टिंग केपीसिटी विकसित हो जाएगी।
उन्होंने इंदौर का उल्लेख करते हुए कहा कि वहाँ कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए डेडीकेटेड हास्पिटल की व्यवस्था है। ऐसी ही व्यवस्था भोपाल में भी है। अन्य संभागीय मुख्यालयों के लिए भी अस्पताल चिन्हित कर लिए गए हैं। राज्य-स्तरीय और जिला-स्तरीय नियंत्रण कक्ष कार्य कर रहे हैं। आवश्यकतानुसार ड्रोन का उपयोग भी किया जा रहा है। सोशल डिस्टेस्टिंग और लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया गया है। आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध करवाने के लिए वाहनों को अनुमति दी गई है। श्रमिकों को भोजन और रहवास के लिए हर जिले में मदद की गई है।
उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि वैकल्पिक चिकित्सा के तौर पर मध्यप्रदेश में लोगों को आयुष की दवा भी दी जा रही है।
करीब 6 लाख लोगों को इसका डोज़ दिया जा चुका है। इसके साथ, ही शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए 17 लाख 50 हजार लोगों को होम्योपैथी की दवा भी दी गई है। उन्होंने प्रदेश में फसलों की कटाई और गेहूँ खरीदी के संबंध में की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।
चौहान ने बताया कि स्वयंसेवी संगठनों और जनप्रतिनिधियों की कोर कमेटी भी तैयार की गई है। कोरोना से निपटने के लिए जन अभियान परिषद को सक्रिय किया जा रहा है। एनसीसी और एनएसएस के कार्यकर्ताओं के साथ ही ग्राम स्तर तक सेवाभावी व्यक्तियों के सहयोग से एक मजबूत तंत्र खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को विश्वास दिलाया कि इंदौर के साथ ही मध्यप्रदेश में जनसहयोग से कोरोना पर नियंत्रण पाने में हम सफल हो जायेंगे।