नई दिल्ली। देश के 10 प्रमुख श्रमिक संगठनों ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ संकट के बीच निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में अस्थायी, संविदा कर्मचारी तथा कुछ अन्य कर्मचारियों की जबरन छंटनी, पारिश्रमिक में कटौती तथा तथा बिना वेतन के छुट्टी पर भेजे जाने वालों के खिलाफ सरकार से कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। मजदूर संगठनों ने श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार को भेंजे पत्र में कहा है कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के अन्य हिस्सों से श्रमिकों के जबरन छुट्टी पर भेजे जाने की शिकायत लगातार मिल रही है।
लॉकडाउन को देखते हुए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए एक पैकेज की घोषणा की मांग की है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू , सीपीएफ और यूटीयूसी के नेता शामिल हैं। पत्र की प्रति आज यहां प्रेस को जारी की गयी है।
उन्होंने कहा है कि मजदूरों को लेकर सरकार की अपील के बावजूद मजदूरों का आवास खाली कराया जा रहा है। मजदूर नेताओं ने कहा है कि आवश्यक सेवा से जुड़े कर्मचारियों के वैध पहचान पत्र होने के बावजूद पुलिस उन्हें रोक रही है। यहां तक कि कोरोना उपचार मामलों से जुड़ी आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों को राज्यों में पुलिस और स्थानीय शरारती तत्व उन्हें परेशान कर रहे हैं।