नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) ने निज़ामुद्दीन मरकज की घटना को देखते हुए कोरोना को लेकर समाज और मीडिया में साम्प्रदायिक जहर फैलाने की कड़ी निंदा की है। पार्टी पोलित ब्यूरो ने आज यहां जारी एक विज्ञप्ति मे कहा कि यह गम्भीर चिंता की बात है कि तब्लीगी जमात के काफी लोग कोरोना से संक्रमित हैं और उन्होंने मॉर्च के मध्य में जलसा किया जबकि इतनी बड़ी संख्या में एकत्र होने पर रोक लगी थी।
पार्टी ने तब्लीगी जमात के नेताओं की इस जलसे के लिए आलोचना की लेकिन सोशल मीडिया पर एक सम्प्रदाय विशेष के खिलाफ अभियान चलाने की निंदा भी की है। पार्टी ने कहा कि 13 मॉर्च के बाद देश के अन्य शहरों में धार्मिक सभाएं आदि आयोजित की गयीं। उसमें शामिल सभी लोगों का पता लगाकर उन्हें अलग थलग किया जाए और सबकी जांच की जाए जैसा कोरिया और हॉन्गकॉन्ग में किया गया।
माकपा ने कहा है कि दक्षिण कोरिया में जांच की सुविधा भारत से 241 गुना अधिक है ऐसे में कोरोना को लेकर साम्प्रदायिक जहर फैलाने से हम इस महामारी से लड़ नही पाएंगे और हम विफल हो जाएँगे। इसलिए समाज के ध्रुवीकरण को रोका जाए और अफवाहें न फैलाई जाएं।