नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण देश मे हजारों लोग पलायन कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के बरेली से लॉकडाउन के बीच एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां पलायन करने वाले कुछ गरीब मजदूरों को बस से उतारकर उन पर केमिकल का छिड़काव किया गया। इस केमिकल का इस्तेमाल कोरोनावायरस के असर को खत्म करने के लिए सड़कों और दीवारों पर किया जाता है। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद अब प्रियंका गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक योगी सरकार पर हमलावर हो चुके हैं।
देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद गरीब दिहाड़ी मजदूर शहर छोड़ने पर मजबूर हैं. इन लोगों का कहना है कि अब न उनके पास कोई रोजगार है और न ही किराया चुकाने के पैसे हैं। इसीलिए अब वो अपने गांव की ओर निकल पड़े हैं. लेकिन कहीं इन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है तो कहीं से ऐसे केमिकल डालने की खबरें सामने आ रही हैं। प्रियंका गांधी"यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए। मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं।
उनको केमिकल डालकर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे। ' यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए। मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं। उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे।
लोगों पर केमिकल छिड़काव की इस घटना को लेकर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सवाल खड़े किए. उन्होंने ट्विटर पर चार सवाल पूछे। अखिलेश ने लिखा, मायावती"देश में जारी जबर्दस्त लॉकडाउन के दौरान जनउपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनाशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है। सरकार तुरन्त ध्यान दे1"
देश में जारी जबर्दस्त लॉकडाउन के दौरान जनउपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनाशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है। सरकार तुरन्त ध्यान दे। फायर विभाग के एक अधिकारी ने खुद माना है कि इस तरह का केमिकल सिर्फ सड़कों और दीवारों जैसी चीजों पर छिड़का जाता है। ऐसे केमिकल को इंसान पर डालने की इजाजत नहीं है। ये केमिकल भी किसी अन्य केमिकल की ही तरह इंसान के लिए हानिकारक हो सकता है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर पूछताछ जारी है।