लखनऊ। लॉकडाउन के नियमो को सख्ती से लागू रखने के निर्देश देते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लॉक डाउन की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति का फोन जरूर रिसीव किया जाये और पीड़ित की समस्या का समाधान होना चाहिए। योगी ने सोमवार को लाकडाउन की समीक्षा करते हुये कहा कि नोडल अधिकारी राज्यवार विस्तृत रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध करायें। नेपाल में फंसे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से नेपाल से संपर्क की प्रभावी कार्यवाई की जाये।
उन्होने कहा कि पिछले तीन दिनों में बाहरी राज्यों से आए हुए प्रभावित लोगों को चिन्हित कर उन्हें क्वारांटाइन कराया जाये। इसके लिये हर जिला में शेल्टर होम का उपयोग करना चाहिये। गांवों में भी पिछले तीन दिनों में आए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यकतानुसार होम क्वारेन्टाइन कराया जाये। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जनपद गौतमबुद्ध नगर, मेरठ तथा गाजियाबाद के लिए कमेटी बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति सड़क पर न रहे। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के द्वारा लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के विषय में बताया जाए। जहां आवश्यक हो, वहां लोगों को गंतव्य तक पहुुंचाने के लिए सेनिटाइज बस का उपयोग किया जाए। ग्रामीण व शहरी इलाकों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। पुलिस के सभी कर्मचारियों के पास मास्क, ग्लव्स और सेनीटाइजर होना चाहिये।
उन्होने कहा कि ई-कॉमर्स कम्पनियों में कार्यरत कर्मियों और ब्लड बैंक के कर्मियों को भी आवश्यकतानुसार पास दिये जायें। उन्होंने 108 और 102 एम्बुलेंस के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान तत्काल करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि फैक्ट्रियोें के संचालन में यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां कोई कोरोना पीड़ित न हों। साथ ही, सोशल डिस्टेंसिंग का भी अनुपालन हो। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को चालू रखा जाए जबकि सरप्लस दूध का उपयोग दही, घी, मक्खन व मिल्क पाउडर बनाने में किया जाए।