नई दिल्ली। कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या देश में लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक दुनिया में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 30 हजार के पार पहुंच गई है। इस बीच हार किसी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि ये खतरनाक कोरोना वायरस आखिरी कब रूकेगा।
लेकिन इस बीच उज्जैन के ज्योतिषियों के अनुसार अगले 45 दिन तक अस्थिरता का माहौल रहेगा। हालांकि 15 अप्रैल के बाद कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार आएगा, लेकिन इस दौरान लोगों को सावधानी बरतना होगी। फिलहाल संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखना तथा घरों में सुरक्षित रहना ही बचाव का एक मात्र उपाय है।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर 29 मार्च को बृहस्पति का मकर राशि में प्रवेश होगा। देव गुरु के मकर में प्रवेश करते ही मंगल, गुरु व शनि का त्रिग्रही युति संबंध बनेगा। मकर राशि में गुरु निम्न माने जाते हैं, लेकिन यह शनि की अपनी राशि है तथा इस राशि में मंगल की स्थिति उच्च मानी जाती है। ऐसे में गुरु का नीच भंग हो जाता है। चूंकि बृहस्पति का यह क्रम 29 जुलाई तक रहेगा तथा मंगल का मकर राशि में परिभ्रमण 4 मई तक रहेगा। साथ ही इस दौरान ग्रह गोचर में सूर्य का मेष राशि में प्रवेश 15 अप्रैल से 15 मई तक रहेगा।
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पाप ग्रहों के मध्य यदि सौम्य ग्रह आते हैं, तो स्थिति में परिवर्तन होता है। ऐसे में 15 अप्रैल से 15 मई के बीच संक्रमण पर नियंत्रण की स्थिति बनेगी। इस दौरान सावधानी, सुधार तथा सुरक्षा का दायरा अनुभूत होगा। अगर यह समय निकल गया तो आने वाले दिनों में स्थिति सुधर सकती है।
ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र मास का कृष्ण पक्ष संक्रमण से संबंधित होता है। क्योंकि इस दौरान ऋतुकाल का परिवर्तन तथा शुक्ल पक्ष में नवसंवत्सर का परिवर्तन होता है। ग्रह गोचर में पाप ग्रहों का शूद्र ग्रह से खड़ाष्टक दृष्टि संबंध बनता है। वर्तमान में मौजूद संक्रमण की व्याधि इसी की वजह है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी बुधवार से चैत्र नवरात्र आरंभ हो रही है। देवी आराधकों का कहना है कि देवी आराधना के इस पर्वकाल में प्रत्येक व्यक्ति घर में औषधियों से हवन करें, इससे संक्रमण से सुरक्षा मिलेगी। व्याधि के निवारण के लिए देवी से प्रार्थना करने पर अनुकूलता प्राप्त होगी।
उज्जैन के ज्योतिर्विद पं. हरिहर पंड्या के अनुसार शक्ति साधना से कठिन से कठिन परिस्थितियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। धर्मनगरी उज्जयिनी में आदि शक्ति विभिन्न रूपों में विराजित हैं। इस भूमि पर साधक व आराधक विश्व में फैली कोरोना वायरस रूपी महामारी से बचाव के लिए माता दुर्गा से प्रार्थना करें, तो अवश्य ही लाभ होगा। देवी भक्तों को प्रतिदिन घर में कपूरकाचरी, चंदन चूरा, नागर मौथा, जटामासी आदि औषधि गाय के घी में मिलाकर 11 से 21 आहुतियां देनी चाहिए। अग्नि प्रज्वलित करने में आम, पलाश व चंदन की लकड़ी का उपयोग करना चाहिए।
इस प्रकार के औषधीय हवन से वतावरण शुद्ध होगा तथा संक्रमण की व्याधि से निजात मिलेगी। लकड़ी नहीं मिलने की अवस्था में गाय के गोबर से बने कंडों का उपयोग किया जा सकता है। धर्मशास्त्रीय मान्यता में अग्निहोत्र का विशेष महत्व है। संकट की इस घड़ी में विश्व कल्याण की कामना से व्याधि मुक्त राष्ट्र के लिए प्रत्येक व्यक्ति हवन करें।
चैत्र नवरात्र में उज्जैन स्थित शक्तिपीठ हरसिद्धि में प्रतिदिन गोधूलि वेला में दीपमालिका प्रज्वलित की जाएगी। मंदिर प्रबंधक अवधेश जोशी ने बताया जिन भक्तों ने पहले से बुकिंग करा रखी है,उनकी ओर से मंदिर समिति दीपमालिका प्रज्वलित करेगी। पुजारियों द्वारा प्रतिदिन माता हरसिद्धि का अभिषेक, पूजन व श्रृंगार किया जाएगा।