नई दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते हुए प्रकोप के मद्देनजर अपनी प्रयोगशालाओं को ‘कोविड-19’ जांच केंद्र तथा अतिथिशाला को क्वारंटीन केंद्र बनाने की पेशकश की है। आईसीएआर ने अपने उच्च गुणवत्ता वाली बेंगलुरु, भोपाल, बरेली और हिसार की प्रयोगशाला को कोरोना जांच केंद्र बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही संस्थान के अतिथिगृह और छात्रावासों में हजारों बिस्तर वाले क्वारंटीन केंद्र बनाने की पहल की गई है।
संस्थान ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुरोध पर यह पेशकश की है। संस्थान के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने बताया कि जिन अतिथि गृहों का उपयोग क्वारंटीन केंद्र के रूप में किया जा सकता है उसकी सूची स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय संस्थानों से समय गंवाए बिना आइसोलेशन केंद्र की सुविधा स्थापित करने के लिए जगह की पहचान करने को लेकर पत्र लिखा है। डॉक्टर महापात्रा ने बताया कि संस्थान की चार प्रयोगशालाओं में आधुनिक जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं जहां अर्टीपीसीआर तकनीक की सुविधा और मशीन हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय चाहे तो कोविड-19 की जांच में इसका उपयोग कर सकता है। उपमहानिदेशक कृषि विस्तार ए के सिंह ने बताया कि कुछ प्रयोगशालाओं में पहले से ही माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित काम किया जा रहा है। आईसीएआर के कुछ अनुसंधान केंद्रों में पशु रोग को लेकर गहन अध्ययन और शोध किया जाता है। संस्थान के भोपाल स्थित पशु रोग उच्च सुरक्षा राष्ट्रीय संस्थान (एनआईएचएसएडी) ने ‘कोविड-19’ जांच किट विकसित की है।
आईसीएआर के कुछ अतिथिगृह न केवल आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं बल्कि इनमें सितारा होटलों जैसी सुविधाएं भी हैं, इसके अलावा संस्थान के छात्रावासों को भी आपातकाल के दौरान क्वारंटीन केंद्र के रूप में उपयोग किया जा सकता है। कृषि मंत्रालय के अधीन कार्यरत इस संस्थान के राष्ट्रीय राजधानी स्थित अतिथिगृह और कैंपस को आनन-फानन में अस्थाई क्वारंटीन केंद्र के रूप में बदला जा सकता है। संस्थान के देशभर में 103 केंद्र हैं जहां अस्थाई तौर पर ऐसी व्यवस्था की जा सकती है। इन केंद्रों में हैदराबाद , भुवनेश्वर ,जोधपुर , पोर्ट ब्लेयर , चेन्नई , हिसार , भोपाल , बीकानेर , नागपुर , लखनऊ , कोच्चि , कटक , रांची , पटना , कानपुर , वाराणसी, मेरठ, अल्मोड़ा , झांसी आदि प्रमुख है।