पटना। बिहार सरकार ने आज कहा कि राज्य के कुल 253000 पेंशनभोगियों का पेंशन पुनरीक्षण इस वर्ष के 31 मार्च तक कर दिया जाएगा। विधान परिषद में उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के प्रो. नवल किशोर यादव, कृष्ण कुमार सिंह और राष्ट्रीय जनता दल के रामचंद्र पूर्वे के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि महालेखाकार पटना द्वारा राज्य के कुल 253000 पेंशनभोगियों का पेंशन पुनरीक्षण किया जाना है। इस वर्ष के 28 फरवरी तक 220000 पेंशनर का पेंशन पुनरीक्षित कर दिया जाएगा तथा शेष 33000 पेंशनरों का 31 मार्च तक कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि 01 जनवरी 2016 के पहले के पेंशनरों के पेंशन का पुनरीक्षण का दायित्व विभाग ने पेंशन वितरण प्राधिकार को दिया था। बैंकों के स्तर से अपेक्षित प्रगति नहीं होने के कारण 01 जनवरी 2016 के पूर्व के पेंशनरों के पेंशन पुनरीक्षण का कार्य 08 अगस्त 2018 को पेंशन वितरण प्राधिकार की जगह महालेखाकार पटना बिहार को दिया गया है।
मोदी ने कहा कि पेंशन पुनरीक्षण कार्य में तेजी लाने के लिए महालेखाकार कार्यालय की मांग पर 21 फरवरी 2019 को आठ डाटा एंट्री ऑपरेटर और 06 मार्च 2019 को एक डाटा एंट्री ऑपरेटर महालेखाकार कार्यालय को उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा सप्तम पेंशन पुनरीक्षण के लिए 20 अक्टूबर 2017 को संकल्प निर्गत किया गया है। इसमें विभाग के स्तर पर कोई लापरवाही नहीं बरती गई है।