नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में जारी हिंसा मामले पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंसा को किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता है... नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में जिस प्रकार से हिंसा हुई है, उसने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आगमन के साथ ही जिस प्रकार की हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं, उसने हर किसी के सामने एक अलग स्थिति को खोलकर रख दिया है। इस प्रकार की स्थिति ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को भी परेशान कर दिया है। वहीं, हिंसा को किसी भी स्थिति में कोई भी पक्ष सही नहीं ठहरा सकता। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इस मामले में अपने विचार रखे हैं। ट्वीट कर राहुल गांधी ने कहा है कि दिल्ली में आज की हिंसा परेशान करने वाली है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। शांतिपूर्ण विरोध स्वस्थ लोकतंत्र का प्रतीक है, लेकिन हिंसा को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता।
मैं दिल्ली के नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे चाहे जो भी उकसावे पर संयम, करुणा और समझ दिखाएं। इस प्रकार से उन्होंने हिंसक प्रदर्शनों पर पहली बार बड़ी बात कही है। राहुल गांधी व कांग्रेस की ओर से लगातार नागरिकता कानून के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों को समर्थन दिया जाता रहा है। उत्तर प्रदेश में हुए बवाल के दौरान मारे गए लोगों के घरों तक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहुंची थी। अब वे कह रही हैं कि दिल्ली में पूरा दिन हिंसा से भरा रहा। हिंसा से सिर्फ आम जनता और देश का नुकसान होता है। इसे रोकने की जिम्मेदारी हम सबकी है। मैं सभी दिल्लीवासियों से शांति की अपील करती हूं। प्रदर्शन करना लोगों का कानूनी अधिकार है, लेकिन जाफराबाद में जिस प्रकार से प्रदर्शनकारी गोली चलाए, तलवार भांजी, उसे किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता है।