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डब्ल्यूटीओ में विकासशील देशों को मिलकर काम करने की जरुरत : भारत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 13 2019 3:08PM | Updated Date: May 13 2019 3:09PM
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नई दिल्ली। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में विवाद निपटान प्रणाली को मजबूत बनाने की वकालत करते हुए भारत ने सोमवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अपने कृषि एवं मत्स्य उद्योग से संबंधित हितों को संरक्षित करने के लिए अल्प विकसित एवं विकासशील देशों को मिलकर काम करने की जरुरत है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग सचिव अनूप वाधवान ने यहां (डब्ल्यूटीओ) की दो दिवसीय मंत्रिस्तरीय बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि विकासशील देशों को डब्ल्यूटीओ के मूलभूत सिद्धांतों के संरक्षण करते हुए डब्ल्यूटीओ की वार्ता में अपने हितों की रक्षा के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
 
उन्होने कहा कि भाग लेने वाले सदस्­य देशों को विकासशील देशों की प्राथमिकता और हितों से जुड़े  मुद्दों पर साझा डब्ल्यूटीओ सुधार प्रस्ताव  विकसित करने का अवसर प्रदान कर रही है। यह विकसित और विकासशील देशों दोनों  को उनसे जुड़े महत्­वपूर्ण मुद्दों पर एक साझा विचार विकसित करने में मदद  करेगी। दो दिन तक चलने वाली इस बैठक में सोलह विकासशील देश और छह अल्पविकसित देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
 
इन देशों में अर्जेंटीना, बंगलादेश, बारबाडोस, बेनिन, ब्राजील, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (सीएआर), चाड, चीन, मिस्र, ग्वाटेमाला, गुयाना, इंडोनेशिया, जमैका, कजाख्स्तान, मलावी, मलेशिया, नाइजीरिया, ओमान, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, युगांडा और डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक तथा अन्य प्रतिनिधि बैठक में मौजूद हैं। इस बैठक में  सदस्य देशों के प्रतिनिधियों  को विभिन्न मुद्दों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा। आज पहले दिन, प्रतिनिधियों के प्रमुखों को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री  सुरेश प्रभु रात्रिभोज देंगे और भाग  लेने वाले देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक करेंगे। दूसरे दिन, मंत्रिस्तरीय बैठक होगी। 
 
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