नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ से संबंधित अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय में बुधवार को बिना शर्त माफी मांग ली। गांधी ने शीर्ष अदालत में दाखिल तीन पन्नों के नये हलफनामे में कहा है कि ‘चौकीदार चोर है’ संबंधी बयान में न्यायालय का हवाला दिये जाने को लेकर वह बिना शर्त माफी मांगते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि उनके मन में न्यायालय के लिए उच्च सम्मान है। उन्होंने कभी भी प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर ऐसा कोई व्यवहार नहीं किया जिससे न्यायिक प्रशासन में हस्तक्षेप हुआ हो। गांधी ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दायर हलफनामे में न्यायालय से अनुरोध किया कि वह उनके नये हलफनामे को मंजूर करते हुए इस प्रकरण में अदालत की अवमानना का मामला समाप्त करे।
उन्होंने कहा है कि इस मामले में दिया गया संबंधित बयान गैर-इरादतन और असावधानीवश था। गांधी ने कहा है कि नया हलफनामा पूरी तरह प्रामाणिक और न्याय के हित में है और इसमें कुछ भी छिपाया नहीं गया है। शीर्ष अदालत अब 10 मई को राफेल मामले में पुनर्विचार याचिकाओं के साथ-साथ अवमानना मामले पर एक साथ सुनवाई करेगी। गांधी ने राफेल मामले में केंद्र सरकार की प्रारम्भिक आपत्तियों को खारिज करने के न्यायालय के फैसले के बाद अमेठी में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा था कि अब तो न्यायालय ने भी मान लिया है कि ‘चौकीदार चोर है।’ इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी सांसद मीनाक्षी लेखी ने अदालत की अवमानना का मामला दर्ज कराया था।