मुंबई । महाराष्ट्र राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुख्य प्रवक्ता महेश भरत तापसे ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार, जो पहले विकास के बड़े-बड़े दावे करती थी, अब धीरे-धीरे बेनकाब हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि देश मंदी के दौर से गुजर रहा है, जहां विकास दर उलट रही है और मुद्रास्फीति बढ़ रही है। तापसे ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ा दी है। अब जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब और अन्य राज्यों में चुनाव खत्म हो गए हैं, केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों के खुदरा मूल्य में वृद्धि पर विचार कर रही है।
जब कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत अपने सबसे निचले स्तर पर थी, मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों को कम करके नागरिकों को कोई राहत नहीं दी, इसलिए अब मोदी सरकार को कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का रोना नहीं रोना चाहिए और उन दिनों में खुदरा पेट्रोलियम की कीमतों में किसी भी मूल्य वृद्धि के बारे में सोचने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पिछले दो वर्षों में आम आदमी को आर्थिक रूप से पंगु बना दिया और अब जब कोरोना में ढील दी जा रही है तो इस समय ईंधन की कीमत बढ़ाना अनुचित होगा। तापसे ने कहा कि केंद्र सरकार को बोझ को उठाना चाहिए और नागरिकों को पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में किसी भी तरह के बढ़ोतरी से राहत देनी चाहिए।