नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई। पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। इस बीच गुरुवार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने हेलिकॉप्टर क्रैश पर संदेह जाहिर किया। उन्होंने कहा कि जब देश का सर्वोच्च सेनापति सुरक्षित नहीं तो देश का क्या होगा? संजय राउत ने कहा कि Mi-17V5 हेलिकॉप्टर रूस में निर्मित एक अत्याधुनिक विमान था। जनरल चीन और पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाने में शामिल थे। जब तकनीकी रूप से उन्नत हेलिकॉप्टर में यात्रा करते समय ऐसी दुर्घटना होती है, जो यह संशय पैदा करता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इसे दूर करना चाहिए। हालांकि, उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
शिवसेना सांसद ने कहा कि जब वह रक्षा समिति के सदस्य थे, तब उन्होंने जनरल रावत के साथ मिलकर काम किया था। उन्होंने याद किया कि जनरल रावत ने समिति के सदस्यों की समझ के लिए कई पेचीदा मसलों को सरल बनाया। राउत ने कहा कि दुर्घटना ने सरकार के साथ-साथ देश को भी हिलाकर रख दिया है। संजय राउत ने सवाल उठाते हुए कहा कि सेना के वरिष्ठ रैंकिंग अफसर एक साथ यात्रा क्यों कर रहे थे? 1952 में, पुंछ (जम्मू और कश्मीर) में सेना के अधिकारियों को ले जाने वाला एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। लेफ्टिनेंट जनरल और मेजर जनरल रैंक के लगभग 5 या 6 अधिकारी थे। तब से, एक निर्देश था कि उस रैंक के अधिकारियों को एक साथ यात्रा नहीं करनी चाहिए। इस दुर्घटना में, जनरल साहब उच्च टैंकिंग अधिकारी थे और उनके जूनियर भी उनके साथ यात्रा कर रहे थे। संजय राउत ने आगे कहा कि अगर सदन में दुर्घटना पर चर्चा की अनुमति मिलती है, तो वे संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा के इस मामले पर चर्चा करना चाहेंगे। यह एक तकनीकी रूप से उन्नत हेलिकॉप्टर था। इस घटना ने न केवल देश बल्कि सरकार को भी हिलाकर रख दिया है। अगर इस पर कोई चर्चा होती है, तो हम संसद में बोलेंगे। हमें उम्मीद है कि सरकार कम से कम इस मसले पर चर्चा की अनुमति देगी।