औरंगाबाद। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि गांधी पहले ही मैदान छोड़ कर विदेश चले गये क्योंकि उन्हें पता है कि महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में उनकी बहुत बड़ी पराजय होने वाली है। हुसैन, जो यहां टीवी शो में हिस्सा लेने के लिए आये थे, ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी के ही वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने खुद ही इस मामले को उठाया है। हुसैन ने दावा किया कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार ही नही हैं। जो लोग कांग्रेस और राकांपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं वे अपने खुद की क्षमता पर चुनाव लड़ रहे हैं।
राफेल लड़ाकू विमान मंगलवार को प्राप्त करने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा इसकी पूजा करने के संबंध में कांग्रेस पार्टी की आपत्ति पर उन्होंने कहा कि दशहरा पर्व के दिन शस्त्रों की पूजा करने की परंपरा है और भारतीय वायुसेना की स्थापना भी दशहरा के दिन ही हुयी थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को राफेल से डरना चाहिए क्योंकि राफेल सीमा रेखा का उल्लंघन किये बिना आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने में सक्षम है। उन्होंने उल्टा प्रश्न करते हुए कहा कि कांग्रेस इससे परेशान क्यों है। जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस कहती है कि भाजपा 370 और 35 ए हटाने की ही बात कर रही है जबकि बहुत सारे मामले अभी भी लंबित हैं। उन्होंने कांग्रेस, राकांपा और एआईएमआईएम की आलोचना करते हुए कहा कि ये पार्टियां ‘बांटो और राज करो’ की नीति पर चलती हैं जबकि भाजपा की नीति है ‘जोड़ो और आगे बढ़ो’ तथा ‘सबका साथ-सबका विकास’।
हुसैन ने दावा किया कि महाराष्ट्र में भाजपा और सहयोगी दलों के पक्ष में ‘सुनामी’ जैसी लहर जनता में दिख रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस के कामों की सराहना करते हुए कहा कि देश और महाराष्ट्र दोनों तेजी से प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा और सहयोगी दल पिछले पांच वर्ष में फडनवीस के नेतृत्व में हुए विकास कार्य पर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। उन्होंने कहा कि जनता दोबारा महाराष्ट्र में पार्टी और सहयोगी दलों को भारी बहुमत से विजय दिलाने वाली है। उन्होंने कहा कि जितना काम फडनवीस ने पिछले पांच वर्षों में किया उतना काम राज्य में 44 वर्ष में भी नहीं हुआ।