Covid-19 से लड़ने वाली वैक्सीन को लेकर अभी भी कुछ लोगों के बीच भ्रांति फैली हुई है। अफवाहों की वजह से कुछ लोग इस वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं। मध्य प्रदेश के एक गांव में रहने वाले कुछ लोग भी इसी तरह की अफवाहों के चक्कर में पड़कर वैक्सीनेशन से कतरा रहे थे। लेकिन गांव की ग्राम पंचायत ने एक ऐसा नायाब तरीका ढूंढा जिससे कि वैक्सीनेशन केंद्रों पर लोगों की लंबी लाइन लगनी शुरू हो गई।
जबलपुर जिले का शिहोदा पंचायत शाहपुरा ब्लॉक के अंतर्गत आता है। यह पंचायत जबलपुर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां रहने वाले कई स्थानीय लोगों ने वैक्सीनेशन से दूरी बना ली थी। जिसे देखते हुए यहां ग्राम पंचायत ने एक फरमान जारी किया कि नो 'वैक्सीन-नो राशन।' ग्राम पंचायत की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि जो लोग वैक्सीनेशन के लिए नहीं जाएंगे उन्हें पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन शॉप्स यानी पीडीएस से राशन नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत ने स्थानीय लोगों से यह भी कह दिया कि अगर यहां के निवासियों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ चाहिए तो पहले उन्हें वैक्सीन लेना पड़ेगा।
ग्राम पंचायत सदस्यों का दावा था कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वैक्सीन को लेकर तरह-तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं और इसी को देख कर यहां लोगों ने वैक्सीन से दूरी बना रखी है। इससे पास के अन्य ग्राम पंचायतों पर भी असर पड़ रहा था और वहां भो लोग वैक्सीन लेने से कतराने लगे थे।
शुरू में ग्राम पंचायत के इस आदेश को यहां कई लोगों ने तुलगकी फरमान भी कहा लेकिन जल्दी ही इसका सकारात्मक असर भी नजर आने लगा। आज गांव की 85 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन लग चुका है। वैक्सीनेशन दर में आई इस बेहतरीन उछाल को देख कर अब आसपास के अन्य ग्राम पंचायत भी इस तरह के आदेश जारी करने के बारे में विचार भी कर रहे हैं ताकि इलाके में वैक्सीन को बढ़ावा देकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को धार दी जा सके।