भोपाल। मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) मरीजों की पहचान के लिए अगले तीन दिन मुहिम शुरू की जाएगी। साथ ही मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों की केस स्टडी भी की जाएगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि म्यूकर माइकोसिस को लेकर सरकार ने देश में सबसे पहले काम करना शुरू किया। प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज में पांच अलग यूनिट स्थापित की गई है।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी को शुरुआत में ही पकड़ लिया जाए तो इसकी भयावता में कमी आ सकती है। इसलिए हमने तय किया है कि अगले तीन दिन सरकारी मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पताल के ईएनटी सर्जन के सहयोग से प्रदेश मे संघन ब्लैक फंगस के प्राथमिक पहचान के लिए मुहिम चलाएगी। निजी अस्पतालों के ईएनटी चिकित्सकों को शामिल करने के लिए ईएनटी एसोसिएशन से बात की जा रही है।
सारंग ने कहा कि नेजल एंडोस्कोपी से संदिग्ध मरीजों की जांच की जाएगी। इसमें दुरबीन से नॉक में फंगस की जांच की जाती है और जांच के लिए सैंपल लिया जाता है। मध्य प्रदेश इस तरह की मुहिम चलाने वाला देश का पहला राज्य होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक की स्टडी कहती है कि म्यूकर माइकोसिस पहले नॉक और फिर आंख में जाता है। इसके बाद आंख से दिमाग में पहुंचता है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्राथमिक रूप से नॉक में ही इसका ऑपरेशन कर दिया जाता है तो फिर उसके आगे विस्तार की संभावना कम होती है। इसलिए मुहिम से पहचान कर पीड़ित को त्वरित इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।