सीहोर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंडियों और समर्थन मूल्य व्यवस्था को बंद करने वाली बातें भ्रामक और असत्य हैं। किसान इन बातों पर ध्यान न दें। प्रदेश में 50 वर्षो से एक-दो एकड़ कृषि भूमि पर काबिज परिवारों को पट्टे दिए जाएंगे। चौहान जिले के नसरुल्लागंज में 5 लाख किसानों के खातों में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की 100 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक से ट्रांसफर करने के बाद सभा को सम्बोधित कर रहे थे। पूरे प्रदेश के किसानों से सीधे जुड़े मुख्यमंत्री चौहान ने कृषकों से कृषि कानूनों पर चर्चा की और किसानों ने कृषि कानूनों का जोरदार स्वागत और समर्थन करते हुए तालियां बजाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कानूनों से प्रदेश के लाखों किसानों के जीवन मे क्रांतिकारी बदलाव आएगा और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी। मुख्यमंत्री ने इस दौरान 42 करोड़ की लागत के 10 विकास और निर्माण कार्यो का लोकार्पण तथा 53 करोड़ से अधिक के 10 निर्माण कार्यो का भूमिपूजन भी किया। मुख्यमंत्री ने नसरुल्लागंज अस्पताल के विस्तार के लिए 11 करोड़ रुपये की घोषणा भी की। उन्होंने अनेक हितग्राहियों को मत्स्य और ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित भी किया तथा मुख्यमंत्री पथ विक्रेता निधि योजना की राशि के चैक भी वितरित किये।
विश्व विकलांग दिवस पर उन्होंने 50 दिव्यांगों को बैटरी और रिवर्स गेयर की सुविधायुक्त ट्रायसिकल भी भेंट की। चौहान ने सभा में घुटनों के बल बैठकर आमजनों का अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एक बार नही लाख बार जनता को घुटने टेक कर प्रणाम करेंगे। जनता ही मेरे लिए भगवान है और मुझे घुटनों पर बैठकर प्रणाम करने से कोई नही रोक सकता। लेकिन माफÞयिों, गुण्डे, डकैत, जनता को लूटने वालों किसी को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे शांतिप्रिय लोगों के लिए फूल से भी कोमल और दुष्टों के लिए बज्र से भी कठोर है।
उन्होंने कहा कि गुंडे बदमाश प्रदेश से चले जाएं अन्यथा उनकी खैर नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब किसानों को आज़ादी होगी कि वे अपनी उपज कहीं भी बेच सकें। उन्होंने कहा कि मंडियों को बन्द करने की बातें भ्रामक और कोरी बकवास हैं। चौहान ने कहा कि किसानों को बरगलाया जा रहा है कि समर्थन मूल्य बन्द हो जाएगा। वे जब तक जिंदा हैं, तब तक कोई समर्थन मूल्य बन्द नहीं होगा। चौहान ने कहा कि उनकी सरकार किसानों की सरकार है और पिछले 8 माह में ही विभिन्न योजनाओं की 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा सहायता राशि किसानों के खाते में डाली गई है।
खेती किसानी से सम्बंधित नकल आदि अब ऑनलाइन मिलेगी और रेवेन्यू बोर्ड मैनेजमेंट सिस्टम से नामांतरण बटवारा सहित राजस्व न्यायालयों में पेशी के लिए आमंत्रण भी ऑनलाइन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत अब सभी गांवों का सर्वे किया जा रहा है, गांव की सभी जमीनों और मकान आदि का स्वामित्व अब ग्रामीण भाई बहनों के नाम पर किया जाएगा, जिससे उन्हें भी बैंक लोन के अलावा अन्य योजनाओं का फायदा मिल पायेगा। चौहान ने कहा कि अब पटवारी हर हफ्ते सोमवार और गुरुवार को मुख्यालय पर रहेंगे और लापरवाही मिलने पर कलेक्टर जिम्मेदार होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब फसलों का आकलन भी आटोमेटिक मशीन से होगा, जिससे नुकसान के समय किसानों को वास्तविक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछली सरकार द्वारा बंद की गई गरीबों के कल्याण की योजनाएं फिर प्रारम्भ कर दी हैं और अब प्रदेश में गरीबों की आबादी के मान से योजनाओं के लिए बजट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चे मन लगाकर पढ़ें, फीस मामा भरेगा। उन्होंने कहा कि वे जल्दी ही स्व-सहायता समूह की 450 महिलाओं के खातों में 2 करोड़ से ज्यादा की राशि देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन और मछली पालन करने वालों को भी क्रेडिट कार्ड देने का फैसला लिया गया है।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए उत्पादक गतिविधियों के साथ ही लोकल उत्पादों को वोकल बनाकर बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। स्कूलों की यूनिफार्म और आंगनबाड़ी के पोषण आहार का निर्माण स्वसहायता समूहों को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री ने किसानों से संवाद के दौरान कहा कि अब किसानों को आजादी है कि वे अपनी उपज कहीं भी बेच सकते हैं। मंडी शुल्क आठ आना यानी 50 पैसे लगेगा और सब्जी मंडी में भी टैक्स 2 परसेंट कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कर्जमाफी के फेर में कई किसान कर्जदार हो गए और उन पर कर्ज की गठरी लद गई गई। उन्होंने कहा कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नही है, उस अवधि का ब्याज प्रदेश सरकार भरेगी और किसानों के सिर से ब्याज की गठरी उतरेगी। चौहान ने ऑनलाइन सागर, रायसेन, खंडवा, ग्वालियर और इंदौर के एक एक कृषक से संवाद किया तथा उनसे खेती-किसानी की स्थिति तथा शासकीय योजनाओं की लाभ प्राप्ति के संबंध में चर्चा की।