भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के संकट में सबसे अधिक प्रभावित होने वाले स्ट्रीट वेंडर्स के साथ प्रदेश सरकार खड़ी है। उन्हें सहायता देने के लिए प्रदेश में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना का क्रियान्वयन किया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के पथ विक्रेताओं से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में सब्जी का ठेला लगाने वाले, चाट की दुकान चलाने वाले, सिलाई कार्य से जुड़े वर्ग और चाय आदि की दुकान संचालित करने वाले लघु व्यवसायियों को योजना का अधिकाधिक लाभ दिया जाएगा ताकि ब्याज के बोझ से बचकर ये सभी अपना कार्य सुचारू रूप से कर सकें।
छोटा-छोटा व्यवसाय करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स की आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार उन्हें पूरा सहयोग देगी। चौहान ने कहा कि प्रदेश में योजना के तहत सभी पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स को परिचय पत्र देने की कार्रवाई पूर्ण की जाए। उन्होंने कहा कि योजना की निरंतर समीक्षा की जाएगी। शहरी स्ट्रीट वेंडर्स के साथ ही ग्रामीण स्टेट स्ट्रीट वेंडर्स के लिए भी 10 हजार रूपये की ब्याज मुक्त सहायता देने की योजना संचालित की जा रही है।
समय पर ऋण चुकाने पर अगले वर्ष दुगनी राशि अर्थात 20 हजार की राशि स्वीकृत की जाएगी। इस योजना में हितग्राही को ऋण राशि एक साल में लौटाने की सुविधा रहेगी और ब्याज नहीं लगने से सबके व्यवसाय को संजीवनी मिलेगी। लोन की गारंटी सरकार वहन करेगी। बहुत से व्यवसाई जो व्यवसाय बंद कर चुके थे, अब फिर से अपना काम-धंधा शुरू कर सकेंगे। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न जिलों के योजना में लाभान्वित हितग्राहियों से बातचीत की।
बातचीत में अधिकांश लाभांवित हितग्राहियों ने बताया कि उन्हें संकट के समय सरकार ने बड़ा सहारा दिया है और वे अपने व्यवसाय पुन: शुरू कर पाए हैं। व्यवसाय संचालित करने में अब उन्हें दिक्कत नहीं आएगी। आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रदेश के 378 नगरीय निकायों में योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कोविड-19 के संकट में शहरी पथ व्यवसायियों का रोजगार प्रभावित होने पर उन्हें पुन: रोजगार से जोड़ने और स्थाई आजीविका का साधन उपलब्ध कराने के लिए योजना प्रारंभ की गई है।
भारत सरकार ने पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि( पीएम स्व निधि) योजना में शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए प्रावधान किए हैं। ऐसे पथ विक्रेता जो 24 मार्च 2020 के पहले पथ विक्रेता रहे हो या कोरोना के कारण अन्य प्रदेश से अपने प्रदेश में लौट आए हो, वे योजना में पात्र होंगे। शहरी क्षेत्र के नजदीक के ग्रामीण क्षेत्र के पथ विक्रेता जो शहर में कार्य करने आते हैं, वे भी योजना का लाभ ले सकेंगे। योजना में 1 साल के लिए 10 हजार की कार्यशील पूंजी प्रदान की जाएगी, जो पूरी तरह ब्याज मुक्त होगी। इस ऋण राशि पर आने वाले ब्याज अनुदान का 7 प्रतिशत भारत सरकार और शेष राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
डिजिटल ट्रांजैक्शन पर साल में अधिकतम 1200 का विशेष अनुदान भी प्राप्त होगा। समय पर राशि का भुगतान करने पर हितग्राही अधिकतम 20 हजार रुपए की कार्यशील पूंजी आगामी वर्ष में प्राप्त कर सकेगा। हितग्राही को ओवरड्राफ्ट और सीसी लिमिट की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीतेश व्यास, आयुक्त नगरीय प्रशासन निकुंज कुमार श्रीवास्तव और अपर आयुक्त स्वतंत्र सिंह उपस्थित थे।