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आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिये यथासंभव लोकल का प्रयोग करें: चौहान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 4 2020 12:50AM | Updated Date: Jun 4 2020 12:50AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ बनाने के लिए यथासंभव ‘लोकल’ का प्रयोग करें। भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन को मध्यप्रदेश की स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप चलाया जाए। आधिकारिक जानकारी के अनुसार चौहान आज मंत्रालय में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश संबंधी बैठक ले रहे थे। बैठक में स्कूल ऑफ गुड गवर्नेंस के महानिदेशक आर.परशुराम, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी उपस्थित थे।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों का समूह बनाए जाकर उनके सुझावों के आधार पर ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ की विस्तृत योजना बनाई जाए। चौहान ने कहा कि इस प्रकार की योजना बनाई जानी चाहिए कि किसानों को उनके उत्पादों का सही दाम मिले। कृषि विपणन को बेहतर बनाए जाने की आवश्यकता है। कृषि में विविधता आए। किसान ऐसी फसल लें जो उन्हें अच्छी आमदनी दिलवाए। एग्रीकल्चर पैटर्न को बेहतर बनाया जाए। छोटे किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले। कोल्ड स्टोरेज की सुविधा बढ़े।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत घोषित विशेष पैकेज का पूरा लाभ प्रदेश को दिलाने के लिए तत्परता से कार्य किया जाए। छोटे कारोबारियों के लिए 10 हजार के ऋण तथा उस पर 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना का लाभ उन्हें दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वन संपदा तथा आदिवासी बहुलता को देखते हुए इस प्रकार की योजना बनाई जाए जो वन एवं आदिवासियों का विकास करे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश कि लोकल प्रोडक्ट्स जैसे चंदेरी साड़ियां, बाघ प्रिंट आदि को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
 
गांव-गांव में छोटे एवं कुटीर उद्योग कैसे खड़े हो सकते हैं यह देखा जाए। प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा एवं नए उद्योगों की स्थापना के लिए सिंगल विंडो सिस्टम सही मायने में सिंगल विंडो बने। प्रदेश की आवश्यकता के अनुरूप अलग-अलग सैक्टर में उद्योग स्थापित किए जाएं। चौहान ने कहा कि हमें ग्रामीण विकास की अवधारणा को बदलना होगा। ग्रामों का विकास इस प्रकार किया जाना होगा, जिससे वहां ग्रामीणों की आवश्यकता के अनुरूप वस्तुओं का निर्माण हो और ग्रामीणों को शहर न जाना पड़े।
 
गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार करना होगा, जिससे गाँवों में ही अच्छी शिक्षा व अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिल सके।  उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान को आदर्श बनाया जाए तथा यह सुशासन, नीति एवं योजनाएं बनाने में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाए। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के देश-दुनिया के विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएं। 
 
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