नई दिल्ली। विश्व कोरोना महामारी के चलते देश में लगे लॉक डाउन में सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद किया गया है, ऐसे में सभी स्कूल कॉलेज और इंस्टिट्यूट बंद है। ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूलों में छात्र-छात्राओं को मिलने वाले मिड डे मील की जगह खाद्य सुरक्षा भत्ता छात्रों के खातों में पहुंचाया हैं। ताकि इस कोरोना संकट में छात्र-छात्राओं को खाने की समस्या ना हो।
आंकड़ों के अनुसार सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 66 लाख विद्यार्थियों के खातों में 146 करोड़ की राशि अब तक पहुंचा दिया। बता दें कि यह पहला ऐसा मौका है जब छुट्टियों में भी छात्र-छात्राओं को खाद्य सुरक्षा भत्ते के रूप में मध्यान भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है।
मिड डे मिल तैयार करने वाले सभी रसोइयों को भी मिले भत्ते
दरअसल यह पहला ऐसा मौका है जब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने छात्र और छात्राओं को छुट्टियों में भोजन की व्यवस्था की है। मई और जून के महीने में 37 दिनों की 145.92 करोड़ की राशि सिंगल के माध्यम से 66.27 लाख छात्र-छात्राओं के खातों में जमा कराई गई है। इससे पहले मार्च और अप्रैल के महीने में 33 दिन की राशि 11.71 करोड़ रुपए जमा कराया जा चुका है, इतना ही नहीं इसके साथ में मिड डे मिल तैयार करने वाले सभी रसोइयों को भी किस्तों में 84 करोड़ की राशि खातों में पहुंचाई गई है।
33 दिन की राशि 145. 92 करोड़
आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में 1.13 लाख शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय, अनुदान प्राप्त शालाओं, बाल श्रम परियोजना के स्कूलों के बच्चों को दोपहर में मिलने वाले पके हुए खाना दिया जाता था, जैसा कि पूरे देश में कोरोना वायरस का इस समय प्रकोप छाया हुआ है ऐसे में स्कूलों में मिड डे मील का वितरण संभव नहीं है। क्योंकि लॉक डाउन के चलते स्कूल पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
ऐसे में छात्र-छात्राओं के सामने खाने का संकट ना हो इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ता मध्यान भोजन की जगह देने का ऐलान किया और इसी के साथ ही 29 मार्च को बच्चों को खाद्य सुरक्षा के 117.8 करोड़ रुपए छात्रों के खाते में जमा करा दी गई उसके बाद अब दूसरी किस्त यानी 33 दिन की राशि 145. 92 करोड़ की छात्रों के खाते में पहुंचा दी गई है।
मध्यप्रदेश में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 66.27 लाख है, जिन्हें 26109.79 मीट्रिक टन गेहूं और चावल रसोई योग समूह और स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से घर-घर पहुंचाया जाने की योजना बनाई गई है। वहीं दूसरे चरण में 29479.65 मीट्रिक टन गेहूं और चावल बच्चों के घर घर वितरण किए जाएंगे।
राज्य में हर छात्र छात्राओं के घर-घर गेहूं और चावल पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य सहायता समूह रसोई और स्वैच्छिक संगठनों की को दी गई है अभी तक शिक्षक गेहूं और चावल जाने अनाज के वितरण का काम संभाल रहे हैं।
इसके अलावा सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले प्राईमरीऔर मिडिल कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को मिड-डे-मील के लिए स्कूलों से अनाज वितरण किया जा रहा है। जिसमें अनाज वितरण करना शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी, शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वह छात्र-छात्राओं के घर अनाज पहुंचाएं, सरकारी स्कूलों के शिक्षक छात्रों को घर-घर जाकर गेहूं और चावल पहुंचा रहे हैं, जिसमें बच्चों को 3 किलो 600 ग्राम गेहूं और 4 किलो 300 ग्राम चावल बांटा जाता है।