बेंगलुरु। भारतीय महिला हॉकी टीम की अनुभवी स्ट्राइकर वंदना कटारिया का मानना है कि उनका अनुभव टीम में शामिल युवा खिलाड़ियों के काम आ सकता है। 2007 में सीनियर टीम में पदार्पण करने वाली वंदना अपने अनुभव से युवा खिलाड़ियों की मदद करती हैं। वंदना एक मेंटर के रुप में भी इन खिलाड़ियों की मदद करती हैं। वंदना ने कहा, ‘‘अपने अनुभव से मैं टीम में शामिल कई युवा खिलाड़ियों के काम आ सकती हूं, विशेषकर मिडफील्ड और फॉरवर्ड लाइन में। मैं वाकई मेंटर के काम का आनंद लेती हूं। मुझे पता है कि मेरा अनुभव युवा खिलाड़ियों की मदद कर सकता है और मैं मैदान पर विभिन्न हालातों में इन खिलाड़ियों से चर्चा करती हूं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा नहीं है कि मैं उन्हें जिस तरह खेलने के लिए बोलूं वो वैसा ही खेलें लेकिन मेरी कोशिश रहती है कि वह अपने लक्ष्य को समझें और कोई भी फैसला लेने से पहले उस पर विचार करें। 28 वर्षीय वंदना ने कहा, ‘‘जब मैंने 15 साल की उम्र में खेलना शुरु किया तो मैं बहुत निडर होकर खेलती थी। मेरी कोशिश रहती थी कि मैं अपने कौशल का इस्तेमाल करूं और गोल करूं। लेकिन समय के साथ-साथ मुझे एहसास हुआ कि मैं ऐसे नहीं खेल सकती। विशेषकर तब जब खेल इतना विकसित हो गया है। हालांकि मेरा खेल भी विकसित हुआ है और मैं भारत तथा टीम के खिलाड़ियों के लिए खेलने में आनंद महसूस करती हूं।