बेंगलुरु। भारतीय पुरुष टीम के फॉरवर्ड दिलप्रीत सिंह ने कहा है कि सीनियर टीम में वापसी के बाद एफआईएच प्रो लीग मुकाबले में विश्व चैंपियन बेल्जियम के खिलाफ खेलना उनके लिए चुनौतीपूर्ण था। 2018 में सीनियर टीम में पदार्पण करने वाले दिलप्रीत को 2018 विश्वकप के बाद जूनियर टीम में भेज दिया गया था और उनसे अपनी फिटनेस तथा खासतौर पर मैदान पर अनुशासन पर ध्यान देने को कहा गया था। हालांकि इस साल उन्हें एफआईएच हॉकी प्रो लीग के लिए कोर संभावित खिलाड़ियों की सूची में जगह दी गयी थी।
दिलप्रीत ने कहा - मुझे बेल्जियम के खिलाफ मुकाबले के लिए टीम में शामिल किया गया तो मैं काफी दबाव में था लेकिन मनप्रीत सिंह ने मेरे साथ चर्चा की और मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया। मैं बैचेन था और इस चुनौती से पार पाने के लिए निश्चित नहीं था। बेल्जियम के खिलाफ छोटी सी गलती टीम को बड़ी मुसीबत में डाल सकती थी लेकिन मनप्रीत और अन्य सीनियर खिलाड़ियों ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया।
पिछले साल जोहोर कप में टीम को रजत पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले दिलप्रीत ने कहा, ‘‘जब मैं जूनियर राष्ट्रीय शिविर में था तो कोच ग्राहम रीड मुझे देख रहे थे और उन्होंने अलग से मुझसे बात की। उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि मैं कैसे हॉकी में आया।
पंजाब के अमृतसर के दिलप्रीत ने कहा, ‘‘कोच ने मुझसे ज्यादा मेहनत करने, रवैया में सुधार करने और फिटनेस पर जोर देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अगर मैं इन चीजों में सुधार कर लूं तो मेरी सीनियर टीम में वापसी हो सकती है। उन्होंने साथ ही मुझे चेताते हुए कहा कि कई खिलाड़ी हैं जो इस मौके की तलाश में हैं। उनसे बात करके मेरे अंदर आत्मविश्वास जागा। ओलंपिक के अगले साल तक के लिए स्थगित होने पर उन्होंने कहा कि इससे उन्हें अपने खेल में सुधार करने का समय मिलेगा और कोच रीड ने जिन क्षेत्रों में सुधार करने कहा है उन पर भी वह अपना ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
दिलप्रीत ने कहा - प्रो लीग मैच के बाद कोच ने मुझसे रक्षात्मक दक्षता, टेकलिंग और मैच के अंतिम समय में दबाव डालने पर सुधार करने के लिए कहा था। ओलंपिक के स्थगित होने से मेरे जैसे युवा खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने का मौका मिलेगा जिससे हम ओलंपिक के लिए भारतीय टीम में जगह बना सकें।