जगदलपुर। सोशल साइट वाट्सअप ने खुलासा किया है कि भारत में सामाजिक व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, पत्रकारों के फोन टेप कराए जा रहे हैं। ऐसा इजराइली साफ्टवेयर के जरिए वाट्सअप का इस्तेमाल करके किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित बस्तर में इस सूचना के बाद हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल अब तक जिन सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन टेप होने की जानकारी सामने आई है उनमें से ज्यादातर का लिंक बस्तर से है। सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया, लीगल एड ग्रुप की शालिनी गेरा, पत्रकार शुभ्रांशु चैधरी आदि के नाम सामने आने के बाद अब इस बात की दहशत भी दिख रही है कि न जाने किसका फोन सरकार सुन रही हो। नक्सल प्रभावित बस्तर में सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, वकील आदि पहले से राज्य सरकार के निशाने पर रहे हैं।
अब केंद्र के इशारे पर फोन टेपिंग की जानकारी सामने आने पर बस्तर से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे गंभीर मसला तो माना है, हालांकि साथ ही यह भी कहा है कि उनके लिए अच्छा ही है कि सरकार उनकी असलियत खुद जान रही है। मानवाधिकार कार्यकर्ता हिमांशु कुमार ने कहा कि हमारे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है, हालांकि सरकार चाहे तो तो कभी भी बिना कारण के भी जेल भेज सकती है। उनके मुताबिक नक्सल समस्या के नाम पर आदिवासी इलाकों में कार्पोरेट के खिलाफ संघर्ष कर रहे सामाजिक संगठनों को सरकार निशाना बना रही है।