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नस्लभेद दुखद, इसका कोई तर्क नहीं: सुनील छेत्री

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 13 2020 12:18AM | Updated Date: Jun 13 2020 12:18AM
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नई दिल्ली।  भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने नस्लभेद के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कहा कि यह दुखद है और इसका कोई तर्क नहीं है। भारत के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकर छेत्री को भारतीय फुटबॉल में आज 15 वर्ष पूरे हो गए और वह पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया के बाद दूसरे ऐसे फुटबॉल खिलाड़ी हैं जिन्होंने इतने वर्षों तक फुटबॉल खेला है। उन्होंने इस मौके पर नस्लभेद के खिलाफ आवाज बुलंद की औरÞ इसे दुखद बताया। 
 
35 वर्षीय छेत्री ने एआईएफएफ टीवी से बातचीत में कहा, ‘‘नस्लभेद काफी दुखद है। इसका ना तो कोई तर्क है और ना ही सच्चाई है। पहले के दिनों में यह काफी होता था लेकिन अब हमें लोगों को इस बारे में जागरुक करने की जरुरत है। मानवजाति को खुद विश्व से नस्लभेद खत्म करना होगा।’’       
 
 उन्होंने कहा, ‘‘अंत में सभी एक ही रंग, जाति और धर्म से आते हैं। तो मुझे समझ नहीं आता है कि किसी को भी इसके आधार पर नीचा क्यों दिखाया जाता है। नस्लभेद को बढ़ावा नजरअंदाज करने से मिलता है। अगर मैं किसी को नस्लभेदी टिप्पणी करते देखता हूं तो मुझे उसे समझाना चाहिए कि वह क्या गलत कर रहा है।’’
 
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में 72 गोल करने वाले छेत्री ने कहा, ‘‘सही तथ्य तो यह है कि मैं 15 साल बाद भी यहां हूं और अभी कुछ साल और बाकी है, यह मेरे लिए उपलब्धि है। मैं इसके लिए अकेला श्रेय नहीं लेना चाहता। मेरा परिवार और टीम के खिलाड़यिों का भी इसमें अहम योगदान है। दुनियाभर में किसी भी खेल में देश के लिए 15 वर्षों तक खेलना दुर्लभ है और मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं।’’   
 
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