कोलकाता। भारतीय फुटबॉलर कोरोना वायरस के कारण देश में लगे लॉकडाउन में खुद को घर में कैद नहीं रख पाए और निकल पड़े बाहर जरूरतमंद लोगों की मदद करने। सुभाशीष को लगता है कि देश में संकट की इस घड़ी में डॉक्टर, नर्स, क्लीनर्स, पुलिस और पत्रकार लोगों की मदद कर रहे हैं लेकिन देश को स्वयंसेवकों की भी जरूरत है जो लोगों की मदद करने के लिए सामने आएं। भारतीय फुटबॉलर ने कहा कि उनकी अन्तर्रात्मा ने उन्हें घर में नहीं रहने दिया और उनके कानों में स्वामी विवेकानंद के शब्द गूंजते रहे- ‘‘उठो, जागो, आगे बढ़ो, आगे बढ़ो।’’ सुभाशीष घर से बाहर जरूरतमंद लोगों खासतौर पर दिहाड़ी मजदूरों को खाना वितरित करते हैं जिनके पास अब कोई काम-धंधा नहीं है। सुभाशीष ने कहा कि जिन्हें वह खाना देते हैं उनमें से कुछ की आंखों में आंसू होते हैं जबकि कुछ उन्हें गले लगाना चाहते हैं। लेकिन वह दूरी बनाये रखते हैं क्योंकि सबकी सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।