दोहा। कतर में 2022 फीफा विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट के आयोजकों ने मेजबानी पाने के बदले रिश्वत देने के आरोपों का सिरे से खंडन किया है। अमेरिका की एक अदालत में सार्वजनिक किये गए दस्तावेजों में साफ तौर पर कहा गया है कि कतर को 2022 विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी देने के लिए कई अधिकारियों ने रिश्वत ली थी।
अदालत ने सोमवार को कहा था कि ब्राजील फुटबॉल परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष रिकार्डो टेक्सेरा, दक्षिण अमेरिकी फुटबॉल के पूर्व बॉस दिवंगत निकोलस लियोज और जूलियो ग्रोंडोना सहित कई अधिकारियों ने 2010 में फीफा की कार्यकारी बैठक में कतर की दावेदारी के पक्ष में मतदान करने के लिए रिश्वत ली थी। कतर ने दावा किया कि ये दस्तावेज काफी समय से लंबित पड़े मामले का हिस्सा थे जो 2018/2022 फीफा विश्व कप बोली प्रक्रिया से सम्बंधित नहीं है।
कतर की सुप्रीम कमेटी फॉर डिलीवरी एंड लिगेसी (एससी) ने एक बयान में कहा कि वर्षों से दावे किये जाने के बावजूद इस बात के कभी प्रमाण नहीं दिए जा सके हैं कि कतर ने अवैध तरीके से 2022 विश्व कप की मेजबानी हासिल की थी। एससी ने कहा कि 2018/2022 फीफा विश्व कप बोली प्रक्रिया में सभी नियमों का पूरी तरह पालन किया गया था और रिश्वत लेने के आरोप निराधार हैं तथा इनका ढृढ़ता से विरोध किया जाएगा।
अमेरिकी न्याय विभाग ने भ्रष्टाचार आरोपों की जांच 2015 में शुरू की थी जिसके बाद से कई शीर्ष अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और अब अदालत ने कहा है कि कतर को 2022 विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी देने के लिए कई अधिकारियों ने रिश्वत ली थी।