नई दिल्ली। एशियाई फुटबॉल परिसंघ की कार्यकारी समिति ने विएतनाम में शनिवार को पहली बार हुई अपनी बैठक में भारतीय फुटबॉल के लिए बनाये गए रोडमैप को अपनी मंजूरी दे दी। एएफसी ने गत 14 अक्टूबर को कुआलालम्पुर को अपनी बैठक में इंडियन सुपर लीग को 2019-2020 सत्र से भारत की शीर्ष फुटबॉल लीग बनाने का प्रस्ताव दिया था। इस बैठक में आईएसएल, आई-लीग, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ और आईएमजी-रिलायंस के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। एएफसी ने आईएसएल के नए सत्र की शुरुआत को सराहा जिसमें टीवी दर्शकों की संख्या दोगुनी हो गयी है। कोच्चि में हुए इस मुकाबले का देश भर में 20 चैनलों पर सात भाषाओं में प्रसारण किया गया था।
एएफसी ने अपने रोडमैप में भारतीय फुटबाल को आगे ले जाने की दिशा में कदम उठाया है और एएफसी का कहना है कि हर किसी को मिलकर काम करना होगा और भारतीय क्लब फुटबॉल के विकास के लिए सही फैसले लेने होंगे। रोडमैप के अनुसार भारत में फुटबॉल के विकास में एएफसी हर कदम पर शामिल रहेगा और उसका लक्ष्य एक लीग रहेगा। एएफसी ने एआईएफएफ को सूचित किया था कि शीर्ष लीग के लिए 10-12 टीमें काफी नहीं हैं और यह लीग इससे बड़ी होनी चाहिए।’’ एएफसी का कहना है कि यदि इस रोडमैप पर आगे विचार किया गया तो भारतीय फुटबॉल को इसका फायदा होगा। रोडमैप पर एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने कहा, ‘‘अब हमारे सामने एक रोडमैप है जो भारतीय क्लब फुटबॉल को सर्वश्रेष्ठ मौका देता है। मैं एएफसी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिसने हमारी सबसे बड़ी समस्या का समाधान निकालने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया है। भारत एशियाई फुटबॉल के लिए महत्वपूर्ण है।’’