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दिल्ली HC का सरकार से सवाल- दिल्ली को लंदन बनाने की बातें करते हैं, लेकिन...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 26 2021 1:16PM | Updated Date: Oct 26 2021 1:17PM
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नई दिल्‍ली। दिल्ली HC ने सोमवार को एक याचिका पर कहा कि हम राजधानी दिल्ली को लंदन जैसी बनाने की बात करते हैं, लेकिन शहर के नियोजन के पहलुओं को ध्यान दिए बगैर इसे कैसे करेंगे। कोर्ट ने रेहड़ी पटरी वालों के हितों की रक्षा के लिए बनाए गए स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग नियमन), 2014 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। लेकिन पीठ ने उन लोगों के अधिकारों के संतुलन पर जोर दिया जो दुकानों को किराए पर लेते हैं और जो लोग बाजार में मार्केटिंग के लिए जाते हैं। जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि कनॉट प्लेस में स्थिति ऐसी हो गई है कि आप पैदल नहीं चल सकते। क्योंकि जगह पर विक्रेताओं का कब्जा है और यह एक व्यवसाय बन गया है। पीठ ने कहा कि नेहरू प्लेस में आप चल भी नहीं सकते क्योंकि स्ट्रीट वेंडर्स ने इसे अपना स्थायी व्यवसाय बना लिया है।
 
 पीठ ने कहा कि नेहरू प्लेस में आग की घटना का हमें स्वत: संज्ञान लेना पड़ा। नेहरू प्लेस मार्केट की स्थिति एक झुग्गी की तरह है। जरूरत को ध्यान में रखते हुए इसके लिए एक संतुलित नियम की जरूरत है। वहीं, पीठ ने यह भी कहा कि अदालत स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट-2014 की चुनौती पर गौर करेगा। हालांकि, पीठ ने साफ तौर पर कहा है कि कोर्ट रेहड़ी-पटरी वालों के खिलाफ नहीं है। पीठ ने कहा कि हम सब रेहड़ी-पटरी वालों से खरीदारी करते हुए बड़े हुए हैं। हम आज भी रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए माल के बजाए रेहड़ी-पटरी के विक्रेताओं के पास जाते हैं। कोई भी रेहड़ी-पटरी वालों के खिलाफ नहीं है, हम बस चाहते हैं उस शहर में उनकी वजह से बेवजह भीड़ न हो और दूसरों को परेशानी न हो। अगर हमें कार्रवाई ठीक लगती है तो हम आगे बढ़ेंगे, अगर हमें कमियां मिलती हैं, तो हम सुझाव देंगे।
 
कोर्ट ने कहा कि यह सही है कि स्ट्रीट वेंडिंग कई लोगों, खासकर समाज के निचले तबके के लोगों को रोजगार प्रदान करता है। इन सबके बावजूद दुकानों को किराया भरने वाले, खरीदारी करने वाले या फिर रेहड़ी पटरी का कारोबार करने वाले लोगों के अधिकारों के बीच संतुलन बनाना होगा। हाई कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर विस्तार से सुनवाई के बाद ही अंतिम फैसले पर पहुंचा जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने सुनवाई 30 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। वहीं, इस मामले पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर इस कानून को पूरी तरह से लागू किया गया तो देश का बेड़ा गर्क हो जाएगा। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर रेहड़ी पटरी वाले कल से आपके दरवाजे पर बैठना शुरू कर दें? पीठ ने 2016 और 2018 में दाखिल दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है। इन याचिकाओं में इस कानून के कुछ प्रावधानों को चुनौती दी गई है। हालांकि, कुछ याचिकाओं में इन कानून के प्रवाधानों को लागू करने की भी मांग की गई है। वहीं, नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन ने अपनी याचिका में कहा कि कनॉट प्लेस में रेहड़ी पटरी वालों की वजह से दुकानदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

 

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