नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर नेशनल हाईवे 24 पर रास्ता खोल दिया है। भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत सहित किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर फ्लाईओवर के नीचे दिल्ली जाने वाली सर्विस लेन को खोल दिया है। किसानों ने सबसे पहले इसी रास्ते को रोका था। रास्ता सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद खोला गया है। किसानों ने रास्ते से तंबू हटाने शुरू कर दिए हैं। इस बीच भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने रास्ता रोका ही नहीं था बल्कि पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई थी। टिकैत का कहना है कि अब दिल्ली पुलिस ही जाने, कि रास्ते का आगे क्या करना है। जब टिकैत से पूछा गया कि आप ये टैंट क्यों हटा रहे हैं? तो उन्होंने कहा, ‘दिल्ली जाना है हमें।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या आप रास्ता खोल रहे हैं? तो उन्होंने कहा, ‘हमने कहां रास्ता रोका है, रास्ता पुलिस ने रोका हुआ है। इन्होंने (पुलिस) कहा तुम भी हटा लो, हम भी हटा रहे हैं।’ उनसे पूछा गया कि क्या किसान रास्ता पूरा खोलेंगे, तो टिकैत ने कहा, ‘हां पूरा खोलेंगे।’
ये पूछे जाने पर कि क्या आप ये सबकुछ हटा देंगे? राकेश टिकैत ने कहा, ‘हां सब हटा देंगे।’ फिर उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में संसद तक जाएंगे। जहां कानून बनाया गया है। अचानक रास्ता खोले जाने के सवाल पर टिकैत ने कहा, ‘हम कहां खोल रहे हैं रास्ता, हमने तो रास्ता रोका ही नहीं है। हमें तो दिल्ली जाना है।’ रास्ता खोलने के लिए काफी संख्या में किसान मौजूद हैं। इन्होंने यहां लगे टैंट और दूसरा सामान हटाना शुरू कर दिया है। भारतीय किसान संघ ने ट्वीट कर कहा है, ‘किसानों भाइयों यह अफवाह फैलाई जा रही हैं कि गाजीपुर बॉर्डर खाली किया जा रहा है। यह पूर्णतया निराधार है, हम यह दिखा रहे हैं कि रास्ता किसानों ने नहीं दिल्ली पुलिस ने बंद किया है।’
दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के सड़कें बंद करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने किसानों से कहा कि वह सड़क से हटने के संबंध में अपना जवाब दाखिल करें (Supreme Court on Delhi Road Blocking)। इसके लिए किसानों को कोर्ट ने वक्त भी दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके कॉल ने कहा कि सड़कें साफ होनी चाहिएं। हम बार-बार कानून तय नहीं कर सकते हैं। उन्होंने किसानों से कहा कि उन्हें आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन वह सड़क जाम नहीं कर सकते।
किसानों ने नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली सड़कों को ब्लॉक किया हुआ है। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इसी परेशानी को देखते हुए याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी मांग है कि किसानों को सड़क से हटाया जाए। अब कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को करेगा (Farmers Blocking Ghazipur Border)। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अब कुछ समाधान निकालना होगा। सड़कों को इस तरह बंद नहीं किया जा सकता। यहां से लोगों को आना-जाना पड़ता है। सुनवाई के दौरान सॉलिटिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कृषि कानूनों पर रोक लगा चुका है। कई बार आंदोलन वास्तविक कारण के बजाय दूसरों कारणों के लिए किए जाते हैं (Delhi Road Block)। उनकी इस बात का विरोध करते हुए दुष्यंत दवे ने कहा कि क्या कृषि कानून कोई परोक्ष मुद्दा है? ये किसानों की सच्चाई पर सवाल उठा रहे हैं। बता दें इससे पहले बीते महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि सड़कें अभी तक ब्लॉक क्यों हैं।