नई दिल्ली। Supreme Court ने शुक्रवार को दिल्ली दंगा मामले में आरोपियों देवांगना, नताशा और आसिफ की जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की याचिका पर नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ तन्हा को नोटिस जारी किया लेकिन हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल हाई कोर्ट के इस आदेश का हवाला देकर देश की किसी कोर्ट में कोई UAPA आरोपी राहत नहीं मांग सकेगा। मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद की जाएगी। SC ने दंगे के आरोपित देवांगना, नताशा और आसिफ इकबाल की जमानत को चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर तीनों अभियुक्तों को जारी किया नोटिस। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल हाईकोर्ट का आदेश नजीर नहीं माना जाएगा और कोई भी पक्षकार कोर्ट में इसका हवाला नहीं दे सकता।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीनों अभियुक्तों को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि जमानत पर बाहर आ चुके तीनों अभियुक्त फिलहाल बाहर ही रहेंगे। जस्टिस हेमंत गुप्ता (Hemant Gupta) और वी रामासुब्रह्मण्यन की बेंच ने मामले की सुनवाई की। उन्होंने कहा, 'हम हैरान हैं कि हाई कोर्ट ने जमानत मामले में 125 पन्ने का आदेश दिया। किसी ने UAPA की वैधता को चुनौती नहीं दी थी। लेकिन हाई कोर्ट ने कानून की व्याख्या की, उसकी संवैधानिकता पर सवाल उठा दिए।
दिल्ली पुलिस की ओर पेशी दे रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ' हाई कोर्ट के फैसले से देश में UAPA के सभी मामले प्रभावित होंगे इसलिए हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए। अब तीनों बाहर हैं, तो उन्हें बाहर रहने दीजिए।' बता दें कि कलिता, नरवाल और तन्हा को 2020 के मई में गिरफ्तार किया गया था और ये करीब एक साल हिरासत में थे। 15 जून को दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्हें जमानत दे दी।
दिल्ली दंगों की साजिश मामले में गिरफ्तार JNU छात्राओं और पिंजरा तोड़ ग्रुप की कार्यकर्ताओं नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया छात्र आसिफ इकबाल तन्हा, जेल से रिहा हो चुके हैं. इन तीनों को जमानत देने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी है. इस मामले में आज सुनवाई हुई। तीनों की जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने SC में इस मामले में पुनर्विचार की मांग की। दिल्ली HC ने इन तीनों को सरकार के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए जमानत दे दी थी।