नई दिल्ली। ठंड में हर साल स्मॉग का सामना करने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के लिए मंत्री स्तरीय समीक्षा बैठक 01 अक्टूबर को होगी। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गुरुवार को होने वाली इस वर्चुअल बैठक में पांच राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के पर्यावरण मंत्री, पर्यावरण सचिव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे। जिन शहरों में नगर निगम हैं उनके स्थानीय निकाय प्रमुख भी इस बैठक में होंगे।
जावडेकर ने बताया कि बैठक में पिछले पांच साल में किये गये काम की समीक्षा और आगे की रणनीति तय की जायेगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 50 टीमें हर साल तैयार होती हैं जो मौके पर जाकर बताती हैं कि क्या करना है। इन टीमों के कामों की भी समीक्षा होगी। साथ ही राज्यों द्वारा प्रदूषण कम करने की दिशा में किये गये काम की समीक्षा की जायेगी।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा ‘‘अक्टूबर की 15 तारीख से जैसे ही ठंड आती है और पंजाब-हरियाणा में पराली जलाई जाती है तो दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती है। पूरे ठंड के दौरान स्थिति बिगड़ी रहती है। इसके भौगोलिक तथा मौसमी कारक भी हैं। यह दिल्ली की सीमाओं तक सीमित नहीं है। फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद तथा पंजाब और राजस्थान के निकटवर्ती इलाकों को इसका सामना करना पड़ता है। इसलिए दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर वर्ष 2016 से पांचों राज्यों की नियमित बैठक होती है।’’ उन्होंने बताया कि इस साल कैबिनेट सचिव, मुख्य सचिव और प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव पी.के. मिश्रा प्रदूषण की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर एक-एक बैठक हो चुकी है। केंद्रीय पर्यावरण सचिव भी दो बैठक कर चुके हैं जबकि चार बैठकों का आयोजन सीपीसीबी कर चुका है।
जावडेकर ने प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा पिछले पांच साल में किये गये उपायों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बदरपुर ताप विद्युत संयंत्र को बंद किया गया है। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को दिल्ली से बाहर स्थानांतरित किया गया है। तीन हजार उद्योगों को डीजल की बजाय पीएनजी आधारित बनाया गया है। दिल्ली के बाहर ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल सड़क बनने से रोजाना 60 हजार ट्रकों को अब दिल्ली आने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि पांचों राज्यों ने भी प्रदूषण कम करने के लिए अपने स्तर कई उपाय किये हैं। बैठक में उनकी भी समीक्षा की जायेगी तथा आगे की रणनीति तय की जायेगी।