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एमएसपी देने का उल्लेख कानून में करे सरकार : कांग्रेस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 21 2020 3:08PM | Updated Date: Sep 21 2020 3:08PM
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने राज्यसभा से आठ सदस्यों के निलम्बन को सरकार की तानाशाही करार देते हुए आरोप लगाया है कि वह किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली खत्म कर रही है और यदि उसकी मंशा ठीक है तो एमएसपी देने का उल्लेख कानून में किया जाना चाहिए।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा राज्यसभा सदस्य प्रातपसिंह बाजवा ने यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार संसदीय ढांचे पर हमला कर रही है और संसद में तानाशाही अपना रही है। उसके तानाशाही रवैये का परिणाम है कि राज्यसभा से आठ विपक्षी सदस्यों को बिना बजह निलम्बित किया गया है।

उन्होंने कहा कि ये सदस्य किसान विरोधी कानून के खिलाफ आवाज उठा रहे थे लेकिन उपसभापति ने उनकी बात नहीं सुनी। विपक्षी सदस्यों ने जब मत विभाजन मांगा तो उनको यह अधिकार नहीं दिया गया। उन्होंने इसे तानाशाही करार दिया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतांत्रिक प्रणाली को ध्वस्त कर तानाशाही अपना रही है और संसद में मनमानी कर रही हे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार कहती है कि इस कानून से एमएसपी को नुकसान नहीं होगा और यह व्यवस्था बराबर बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि यदि उसकी नियत सही है तो उसे किसानों को इसकी गारंटी देनी चाहिए और यह उल्लेख कानून में करना चाहिए कि किसानों को एमएसपी दिया जाएगा और जो कंपनी इसका उल्लंघन करेगी उसको दंडित किया जाएगा।  

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के काले अध्यादेश किसानों को लगातार गुलामी की तरफ लेकर जा रहे हैं। उनका कहना था कि यह सरकार अपने काले अध्यादेशों में न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की गारंटी दे पा रही है और न ही फसलों के बाजार मूल्य का आश्वासन दे रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा चंद पूंजीपतियों के हाथों में खेल रही है। उसके किसान विरोधी फैसले देश के किसानों के लिए मृत्यु दंड जैसे साबित हो रहे हैं। संसद में पारित किसान संबंघी दोनों विधेयकों में 'न्यूनतम समर्थन मूल्य' का  कहीं कोई उल्लेख नहीं है जिससे किसानों में चिंता बढ़ रही है।

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