नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय को अंतिम वर्ष के लिए ऑनलाइन ओपन बुक एग्जामिनेशन की शुक्रवार को अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की पीठ ने डीयू को परीक्षाओं के लिए दिशानिर्देशों का अनुसरण किये जाने के लिए कहा है। न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि परीक्षार्थियों को इंटरनेट पर उत्तर पुस्तिका अपलोड करने के लिए एक घंटे का अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए तथा प्रश्नपत्र भी ऑनलाइन पोर्टल के साथ ही छात्रों के ई-मेल पर भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इसके अलावा डीयू प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना है कि उत्तर पुस्तिकाओं के दबाव से केंद्रीयकृत ऑनलाइन सिस्टम बाधित न हो।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि अगर किसी छात्र को कोई शिकायत हो तो उसे 48 घंटे के भीतर शिकायत प्रकोष्ठ को इसकी सूचना दी जानी चाहिए। अगर शिकायत पर ध्यान नहीं दिया जाता है अथवा इसका समाधान नहीं किया जाता है तो दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश प्रतिभा रानी की अध्यक्षता वाली समिति इस मामले को देखेगी।
उल्लेखनीय है कि कई छात्रों ने ओबीई को अनुचित और अन्यायपूर्ण बताते हुए इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि बहुत से छात्रों के पास इंटरनेट अथवा हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा नहीं है। इसके अलावा कुछ छात्रों के पास ऑनलाइन अध्ययन सामग्री अथवा किताबें सीमित रूप से हैं, जिससे उन्हें परीक्षा में काफी दिक्कतें आयेंगी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि डीयू को असाइनमेंट पेपर अथवा प्रोजेक्ट आधारित पेपर का मूल्यांकन करना चाहिए या फिर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देना चाहिए। न्यायालय ने इस मामले में दिशानिर्देश तय करने के वास्ते अगली सुनवाई के लिए 22 सितम्बर की तिथि मुकर्रर की है।