नई दिल्ली। प्रदर्शनियों के आयोजन से जुड़े उद्योग को पिछले दो महीने में 3,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है और उसने सरकार से सहायता पैकेज की माँग की है। प्रदर्शनी एवं ट्रेड शो उद्योग की संस्था ‘इंडियन एक्जिबिशन्स इंडस्ट्री एसोसिएशन’ ने आज बताया कि कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ महामारी शुरू होने के बाद से ही प्रदर्शनी एवं ट्रेड शो उद्योग को अभूतपूर्व झटका लगा है। देश में होने वाले कई अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय कार्यक्रम या तो टाले जा रहे हैं या रद्द किये जा रहे हैं। उसने सरकार से फौरन हस्तक्षेप करने और आर्थिक सहायता पैकेज तैयार करने का अनुरोध किया है ताकि उद्योग को मुश्किलों से थोड़ी राहत मिल सके।
आईईआईए के अध्यक्ष एस. बालसुब्रमण्यम् ने कहा, ‘‘दुनिया भर में फैली कोविड-19 महामारी ने भारतीय प्रदर्शनी उद्योग पर बहुत खराब असर डाला है। पिछले कुछ सप्ताहों में 90 से अधिक कार्यक्रम या तो टाल दिये गये हैं या रद्द हो गये हैं। संगठित क्षेत्र में वर्ष भर में होने वाले कार्यक्रमों का यह लगभग 15 प्रतिशत है। इस कारण पिछले दो महीने पूरे उद्योग को करीब 3,570 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। कोरोना संकट बना रहा तो आँकड़ा बढ़ भी सकता है।’’
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी और व्यापार कार्यक्रम कारोबार को कई गुना बढ़ाते हैं। प्रदर्शनियों से विक्रेता और खरीदार को एक ही जगह मिलने का मौका तो मिलता ही है, व्यापार तथा यात्रा दोनों क्षेत्रों को इससे रफ्तार भी मिलती है। महामारी के कारण सरकारी और निजी दोनों तरह के सम्मेलन, राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय बैठकें और प्रदर्शनियाँ रद्द हुई हैं, जिससे इस उद्योग की जीवनरेखा ही रुक गई है। बालसुब्रमण्यन ने बताया कि भारतीय प्रदर्शनी उद्योग का सालाना कारोबार लगभग 23,800 करोड़ रुपये का है। संगठित क्षेत्र में हर वर्ष 550 से अधिक कार्यक्रम किये जाते हैं।
प्रदर्शनी उद्योग के कारण तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के व्यापारिक या कारोबारी लेनदेन होते हैं, विभिन्न प्रकार के उद्योगों को बढ़ावा मिलता है और भारी संख्या में रोजगार सृजन भी होता है। करीब 1.20 लाख लोगों को इस उद्योग में रोजगार मिलता है। पिछले कुछ वर्षों से यह उद्योग लगातार करीब 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, पर्यटन मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय तथा वित्त मंत्रालय से प्रदर्शनी आयोजकों, प्रदर्शनी स्थलों तथा प्रदर्शनियों को मदद देने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुराध किया। साथ ही सरकार से सभी प्रदर्शनी सेवाओं पर जीएसटी की दर मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर तत्काल 12 प्रतिशत करने का अनुरोध भी किया गया है।
इसके अलावा जीएसटी और आयकर को छह से नौ महीने तक के लिए टालने, सरकारी आयोजन स्थलों के किराये में सब्सिडी देने और देशी कार्यक्रमों में हिस्सा ले रही एमएसएमई/एनएसआईसी इकाइयों को प्रतिभागिता शुल्क पर 100 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी आईईआईए ने माँग की। हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन परिषद के महानिदेशक राकेश कुमार ने कहा कि परिषद ने हाल ही में वसंत में होने वाला भारतीय शिल्प एवं उपहार मेला कोरोना वायरस के कारण रद्द किया है। मेला इसी महीने होने वाला था। इसमें विदेश से सात हजार खरीददार और देश के विभिन्न भागों से 3,200 से भी अधिक छोटे एवं मझोले हस्तशिल्प विनिर्माता एवं निर्यातकों के आने की उम्मीद थी। हस्तशिल्प से जुड़े लाखों कुशल कारीगरों पर इसका असर पड़ा है।