नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के मधुमेह पीड़तिों में एचबीए1सी का स्तर घटा है और यह पिछले वर्ष की अक्टूबर दिसंबर तिमाही में घटकर 8.47 पर आ गया जो वर्ष 2018 की समान तिमाही में 8.76 पर रहा था। इंडिया डायबिटीज केयर इंडेक्स हर तिमाही यह रिपोर्ट जारी करता है। इंडिया डायबिटीज केयर इंडेक्स, नोवो नोर्डिस्क एज्युकेशन फाउंडेशन के ‘इम्पैक्ट इंडिया: 1000-डे चैलेंज’ प्रोग्राम का हिस्सा है और विभिन्न मापदंडों के माध्यम से अलग-अलग शहरों में ब्लड ग्लूकोज के स्तरों का अध्ययन करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 7.7 करोड़ से अधिक लोगों को मधुमेह है और उनमें से लगभग 7.09 मामले डायबिटीज सम्बंधी हृदय रोग वाले हैं।
एचबीए1सी की जाँच 3 माह की अवधि का औसत ब्लड ग्लूकोज स्तर बताती है और इस ब्लड ग्लूकोज को लंबी अवधि के नियंत्रण के लिये सर्वश्रेष्ठ संकेतकों में से एक माना जाता है। दिल्ली में हुए अध्ययन में औसतन 54 वर्ष की आयु के 4550 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिनमें 54 प्रतिशत पुरूष और 46 प्रतिशत महिलाएं थीं। इन रोगियों को डायबिटीज पर नियंत्रण नहीं होने की स्थिति में हृदय, किडनी, आँख, आदि से सम्बंधित समस्याएं होने का अधिकउच्च जोखिम है।
यह ध्यान रखना चाहिये कि एचबीए1सी में 1 प्रतिशत कमी होने से हार्ट फेलियर का जोखिम 16 प्रतिशत तक और हार्ट अटैक का जोखिम 14 प्रतिशत तक कम हो सकता है। नोवो नोर्डिस्क एज्युकेशन फाउंडेशन के ट्रस्टी डॉ अनिल शिंदे ने कहा कि ग्लूकोज के स्तर की निगरानी करना डायबिटीज प्रबंधन में मुख्य कारक है। इंडिया डायबीटीज केयर इंडेक्स विभिन्न शहरों में कई मापदंडों के माध्यम से डायबिटीज की स्थिति का अध्ययन करता है, ताकि क्षेत्र विशेष की जरूरतें समझी जा सकें और डॉक्टर तथा रोगी उचित कदम उठाने में सक्षम हों। इस प्रोग्राम के जरिये समाज में डायबिटीज केयर को लेकर जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।