नई दिल्ली। प्रमुख मुस्लिम संगठन जमियत -ए-उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा है कि अयोध्या भूमि विवाद पर आया फैसला उनकी अपेक्षा के अनुरुप नहीं है लेकिन उच्चतम न्यायालय सर्वोच्च संस्था है इसलिए उसका सम्मान किया जाना चाहिए। मदनी ने शनिवार को एक बयान जारी कर देश के मुसलमानों और देशवासियों से निर्णय को हार-जीत की दृष्टि से ना देखने और देश में अमन एवं भाईचारे के वातावरण को बनाये रखने की अपील की है। उन्होंने कहा,‘‘ देश के संविधान ने हमें जो शक्तियां दी है उसी के आधार पर जमीयत -ए- उलेमा हिन्द ने आखिरी हद तक न्यायोचित लड़ाई लड़ी है। जमियत ने देश के सुप्रसिद्ध अधिवक्ताओं की सेवाएं प्राप्त की और अपने पक्ष में तमाम सबूत इकत्र करके अदालत के सामने रखे गए। अपने दावे को मजबूत करने के लिए हम जो कर सकते थे वह किया और उन्हें निर्णय अपने पक्ष में आने की उम्मीद थी।