नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी क्रिकेट मैच होता है। तो माहौल किसी जंग से कम नजर नहीं आता इसकी वजह है। दोनों मुल्कों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते और इन टीमों के बीच तगड़ी राइवलरी फैंस को ऐसे मुकाबले का बेसब्री से इंतजार रहता है। इसका क्रेज किसी से छिपा नहीं है। भारत और पाकिस्तान पिछली बार आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के दौरान दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में टकराए थे। इस मुकाबले में पाक ने टीम इंडिया को 10 विकेट से करारी शिकस्त दी थी। इस साल होने वाले आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप में एक बार फिर भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने सामने होंगी। 23 अक्टूर 2022 को ये मुकाबला मेलबर्न के एमसीजी में खेला जाएगा। अब सवाल उठता है। कि भारत और पाकिस्तान को अक्सर आईसीसी टूर्नामेंट के दौरान एक ही ग्रुप में क्यों रखा जाता है।
इसकी वजह है। दोनों टीमों के बीच मुकाबले को लेकर फैंस का क्रेज और आईसीसी इसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश करती है। क्योंकि इसका सीधा रिश्ता व्यूअरशिप से है। अगर भारत पाकिस्तान अलग-अलग ग्रुप में होंगे तो दोनों टीमों के बीच मुकाबले की संभावना कम हो सकती है। और आईसीसी और ब्रॉडकास्टर ऐसे में कोई रिस्क उठाना नहीं चाहते क्योंकि ऐसे मैच से विज्ञापन की कीमतें बढ़ जाती हैं। और इसका फायदा रेवेन्यू के तौर पर मिलता है।
आईसीसी की तरफ से बताया गया था कि इस टी20 वर्ल्ड कप 2021 को दुनिया भर में 16 करोड़ 70 लाख से अधिक लोगों ने टीवी पर देखा. भारत और पाकिस्तान के बीच 24 अक्टूबर को खेला गए मैच इस दौरान टीवी व्यूअरशिप के मामले में सबसे आगे रहा. भारत में स्टार इंडिया नेटवर्क पर इस महामुकाबले को 15.9 अरब मिनट देखा गया। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में खटास की वजह से दोनों देशों में 2012-13 के बाद से एक भी बाइलेट्रेल सीरीज नहीं खेली है।आईसीसी टूर्नामेंट ही ऐसा मौका होता है। जब दोनों टीम आपस में टकराती हैं। अगर ग्लोबल क्रिकेट इवेंट में भी पुराने राइवल्स की टक्कर नहीं होगी तो रेवेन्यू का बड़ा नुकसान होगा जो कोई भी आयोजक नहीं चाहेगा।