नई दिल्ली। पूरे साल में क्रिकेट की तमाम गतिविधियां चर्चा में रहीं। चाहे टी-20 वर्ल्ड कप (T-20World Cup) की बात हो या आईपीएल का आयोजन सभी में व्यूअरशिप ने नई ऊंचाईंया छुईं लेकिन एक मैच था जिसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। ये मैच था भारत और पाकिस्तान का मैच। टी-20 वर्ल्ड कप में दोनों टीमें आमने-सामने आईं तो सभी को पीछे छोड़ दिया। इस मैच में व्यूअरशिप के तमाम रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए। यह मैच क्रिकेट के इतिहास में टी-20 इंटरनेशनल में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मैच बन गया। इस मैच की व्यूअरशिप 167 मिलियन तक पहुंच गई। इस हिसाब से देखा जाए तो मैच में भले कोई हारा-जीता हो लेकिन इन दोनों टीमों ने मिलकर व्यूअरशिप में तमाम टीमों का हरा दिया। हालांकि ये बात सही है कि भारत-पाकिस्तान के मैच में रोमांच हमेशा चरम पर होता है लेकिन व्यूअरशिप के रिकॉर्ड इसी मैच ने तोड़े।
इस मैच के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि युवाओं और किशोरों का इसकी व्यूअरशिप बढ़ाने में जबर्दस्त योगदान है। दावा है कि भारत में 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बीच दर्शकों की हिस्सेदारी के लिए लाइव द गेम अभियान चलाया गया था। इस कारण इस वर्ग के बीच 18।5 फीसदी हिस्सेदारी रही। कमाल की बात भारत-पाकिस्तान के बीच इस मैच को इन दोनों देशों के अलावा अन्य देशों में भी बड़े चाव से देखा गया। यूके में स्काईयूके पर भारत बनाम पाकिस्तान मैच के लिए दर्शकों की संख्या में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि बाजार के लिए कुल दर्शकों की संख्या में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस मामले में आईसीसी के सीईओ ज्यौफ अलार्डिस ने भी कहा कि हमें खुशी है कि टूर्नामेंट को इतने दर्शक मिले।
अगर इससे पहले सबसे ज्यादा व्यूअरशिप की बात की जाए तो साल 2016 में भारत और वेस्टइंडीज का सेमीफाइनल मैच इस मामले में टॉप पर था। उस मैच के 5 साल बाद जाकर टी-20 इंटरनेशनल में व्यूअरशिप का रिकॉर्ड टूटा। वहीं, अगर इस वर्ल्ड कप की बात करें तो इसने भी व्यूअरशिप में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। कमाल की बात ये है कि क्रिकेट के सबसे ज्यादा दर्शक भारत में माने जाते हैं। यहां की जनसंख्या 130 करोड़ के लगभग है लेकिन भारत के टी-20 वर्ल्ड कप में पहले दौर में ही शुरुआती मैच हारने और सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाने के बावजूद दर्शकों की संख्या में कमी नहीं आई। आईसीसी की तरफ से बताया गया कि इस टी20 वर्ल्ड कप को दुनियाभर में 16 करोड़ 70 लाख से अधिक लोगों ने टीवी पर देखा। भारत के बाहर होने के बावजूद भारत में यह टूर्नामेंट 112 अरब मिनट देखा गया। इस टूर्नामेंट की व्यूअरशिप भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, अमेरिका तक में इस टूर्नामेंट की व्यूअरशिप बढ़ी।
सबसे बड़ी बात जब भारत इस टूर्नामेंट में शुरुआती दौर में बाहर हो गया तो कई विशेषज्ञों ने आशंका जताई थी कि अब टूर्नामेंट में व्यूअरशिप गिर सकती है। तब दावा किया जा रहा था कि व्यूअरशिप के हिसाब से पूरे मार्केट में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की है। अब भारत के बाहर होने के बाद गिने चुने लोग ही भारत में मैच देखेंगे। हालांकि परिणाम ऐसे नहीं हुए। वर्ल्ड कप के अंत में जो परिणाम दिखाई दिए वह बिल्कुल उलट थे। इससे आयोजकों को इस बात का हौसला जरूर मिला होगा कि भविष्य में भी जो आयोजन होंगे उनमें व्यूअरशिप बढ़ेगी। हालांकि आईसीसी साल 2023 में होने वाले टूर्नामेंटों तक के ब्रॉडकास्टिंग राइट पहले ही बेच चुकी है।