वोर्सेस्टर: लंबे समय से रन बनाने के लिये जूझ रही भारतीय महिला वनडे क्रिकेट टीम की उपकप्तान हरमनप्रीत कौर जल्द ही लय हासिल करने के लिए बेताब होगी क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ खेली जाने वाली श्रृंखला के तीसरे और आखिरी एकदिवसीय मैच में शनिवार को यहां टीम के सामने 3-0 की करारी शिकस्त से बचने की चुनौती होगी।
पिछले सात एकदिवसीय मैचों में से छह को हारने के बाद मिताली राज की अगुवाई वाली टीम को लय हासिल करने में मुश्किल हो रही है। उसे घरेलू धरती पर दक्षिण अफ्रीकी महिला टीम से हार झेलनी पड़ी थी और अब उस श्रृंखला में सूपड़ा साफ होने का खतरा मंडरा रहा है।
श्रृंखला के दूसरे एकदिवसीय में जहां गेंदबाजों ने अपने खेल के स्तर को ऊंचा करते हुए बेहतर प्रदर्शन किया, तो वहीं लचर बल्लेबाजी के कारण फिर से टीम को हार का सामना करना पड़ा। लगातार अंतराल पर विकेट पतन के कारण कप्तान मिताली पर बोझ काफी बढ़ जा रहा है, जिससे उनका खेल भी प्रभावित हो रहा है।
टीम के लिए सबसे अधिक चिंता का सबब उपकप्तान हरमनप्रीत कौर की लचर बल्लेबाजी है जिनके प्रदर्शन में पिछले चार साल से निरंतरता नहीं रही है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2017 विश्व कप में 171 रन की शानदार पारी के बाद वह सिर्फ दो मैचों ही अर्धशतक लगा सकी हैं। इस दौरान उन्हें 28 मैचों में 22 बार बल्लेबाजी का मौका मिला।
मिताली और जेमिमा रोड्रिग्स के अलावा पूनम राउत, दीप्ति शर्मा और तानिया भाटिया के पास बड़े शॉट खेलने की क्षमता नहीं होने के कारण, सलामी बल्लेबाजों स्मृति मंधाना और 17 साल की शेफाली वर्मा पर बहुत दबाव बन रहा है।
भारत के लिए मिताली ने दोनों मैचों में अर्धशतक लगाये लेकिन इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 60 के आस-पास रहा। भारतीय बल्लेबाजों के लिए खाली गेंदें भी बड़ी समस्या रही है। पहले मैच में टीम कैथरीन ब्रंट, आन्या श्रुबसोल, नैट साइवर,, केट क्रॉस और सोफी एक्लेस्टोन के खिलाफ 50 ओवरों में 181 गेंदों पर एक भी रन नहीं बना सकी थी।
दूसरे एकदिवसीय में भी यही हाल था। शुरुआती ओवरों में शेफाली की 55 गेंद में 44 रन की पारी के बाद आखिरी ओवरों में झूलन गोस्वामी के बल्ले से निकले कुछ बडे शॉट के कारण टीम 220 रन के आंकड़े को पार करने में सफल रही।