नई दिल्ली। स्टार बल्लेबाज जोस बटलर का मानना है कि एलिस्टर कुक की अगुआई वाली 2012 की टीम इंग्लैंड की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक रहेगी और जो रूट की अगुआई में मौजूदा टीम उसके करीब पहुंच रही है। मौजूदा कप्तान रूट ने 2012 श्रृंखला के नागपुर में हुए अंतिम टेस्ट में डेब्यू किया था। बटलर ने शनिवार को आनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'जो ने उस दौरे पर पदार्पण किया था और उसकी अच्छी यादें और सीख है जिसने हमें सफल बनाया। वह इंग्लैंड की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक थी, काफी शानदार खिलाड़ी।' बटलर ने कहा, 'यह टीम सफर के मामले में अलग चरण पर है लेकिन निश्चित तौर पर उस बिंदू की ओर बढ़ रही है। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम के खिलाफ उनकी सरजमीं पर चुनौती को स्वीकार करने का रोमांचक समय।' साल 2012 की श्रृंखला को ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर की गेंदबाजी और मुंबई में केविन पीटरसन की 186 रन की शानदार पारी के लिए जाना जाता है।
इंग्लैंड के तेज गेंदबाजी के अनुकूल हालात में पहली पारी में 350 रन के स्कोर को अच्छा माना जाता है लेकिन बटलर ने कहा कि कुछ युवा खिलाड़ियों की मौजूदगी वाली उनकी मौजूदा टीम को समझना होगा कि भारत में अच्छा स्कोर 600 रन से भी अधिक हो सकता है।जोस बटलर ने कहा, 'यह हालात से सामंजस्य बैठाना और उसके अनुसार खेलना है। इंग्लैंड के गेंद सीम और स्विंग करती है। उदाहरण के लिए पहली पारी में 300 रन का स्कोर बड़ा हो सकता है और अगर आप भारत में खेल रहे हो तो हम पहले दो दिन शानदार बल्लेबाजी विकेट पर खेलते हैं, अच्छा स्कोर 600-650 तक हो सकता है।' बटलर का मानना है कि टीम के प्रत्येक सदस्य को श्रीलंका में रूट की चली राह पर चलना चाहिए जहां उन्होंने दिखाया कि बड़ी पारी कैसे बनाते हैं।
बटलर ने कहा, 'जो रूट इसके उदाहरण हैं और उन्होंने हमारे लिए श्रीलंका में ऐसा किया, दोहरा शतक जड़ा और 180 रन की पारी खेली। उन्होंने दर्शाया कि हमें हालात का फायदा उठाना होगा और बड़ा स्कोर बनाना होगा।' बटलर ने याद किया कि भारत ने 2016 श्रृंखला में पहली पारी में अच्छे स्कोर की बदौलत कैसे बाजी मारी। उन्होंने कहा, 'जब हम चार-पांच साल पहले यहां चेन्नई में खेले थे तो हमने 470 रन बनाए थे और भारत ने करूण नायर के 300 रन की बदौलत 700 रन बनाए। इसलिए यह शानदार शिक्षा है कि भारत में बड़ी पहली पारी क्या है और इसके लिए कैसी मानसिकता होनी चाहिए।'