सिडनी। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने बायो-बबल (जैव सुरक्षा वातावरण) के खिलाड़ियों पर पड़ने वाले मानसिक प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त करते हुये कहा है कि इस तरह के माहौल में लंबे समय तक नहीं रहा जा सकता। स्टार्क से पहले कई क्रिकेटर बायो-बबल का खिलाड़ियों पर पड़ने वाले मानसिक असर को लेकर चिंता प्रकट कर चुके हैं। विराट कोहली, इयोन मोर्गन और जैसन होल्डर ने भी सवाल उठाया है कि खिलाड़ी कितने समय तक बायो-बबल में रहने के मानसिक तनाव को झेल सकते हैं क्योंकि ऐसे माहौल में बाहरी दुनिया से अधिक संपर्क नहीं हो पाता और एक ही दिनचर्या का पालन करना पड़ता है। कोरोना वायरस महामारी के कारण वर्तमान समय में विश्व के सभी क्रिकेट टूर्नामेंट बायो-बबल में ही आयोजित हो रहे हैं और इस स्थिति के जल्द बदलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
अगस्त से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में चल रहे आईपीएल में खिलाड़ियों को बायो-बबल में रहना पड़ रहा है। भारतीय टीम मंगलवार को आईपीएल समाप्त होने के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए रवाना होगी और उस दौरान भी सभी खिलाड़ियों को बायो-बबल में ही रहना पड़ेगा। आईपीएल खेल रहे स्टीम स्मिथ, पैट कमिंस, जोश हेजलहुड और डेविड वार्नर जैसे कुछ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भी भारत के खिलाफ सीरीज के लिए स्वदेश रवाना होंगे।