पटना। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सचिव आदित्य वर्मा ने कहा है कि बिहार क्रिकेट के जो मौजूदा हालात हो चुके हैं उसे देखते हुए इस साल घरेलू क्रिकेट होने की सूरत में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) एडहॉक कमेटी बनाकर बिहार के खिलाड़ियों को खेलने का मौका देगा।
आदित्य ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि उनकी बीसीसीआई के एक अधिकारी से फोन पर बिहार क्रिकेट के वर्तमान स्वरूप पर बातचीत हुई है और उस अधिकारी ने स्पष्ट शब्दों मे कहा है कि बीसीसीआई ने बीसीए का अनुदान रोक दिया है क्योंकि तकनीकी रूप से बीसीए को पूर्व सीओए विनोद राय पैनल ने जो मान्यता दी थी वह गलत थी। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई की लीगल टीम ने मेल कर बीसीए को अपना जबाब देने को कहा था लेकिन जो जबाब आया था उसे बीसीसीआई ने खारिज कर दिया था।
आदित्य ने कहा कि अगर इस साल बीसीसीआई की घरेलू क्रिकेट शुरू होती है तो बिहार के क्रिकेटरों के भविष्य के लिए बीसीसीआई एडहॉक कमेटी बना कर क्रिकेट कराएगी, इसलिए कम से कम बिहार के खिलाड़यिों पर कोई संकट नही है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के निबंधन विभाग के लिए सबसे ज्यादा परेशानी यह है कि वर्तमान बीसीए आपसी विवाद के चलते दो ग्रुपों में विभाजित हो गया है जिसकी जानकारी निबंधन विभाग के साथ-साथ बीसीसीआई को भी है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का निबंधन विभाग बगैर अपनी लीगल टीम के सलाह पर कोई भी निर्णय लेने के लिए तैयार नहीं है। विवाद पटना हाई कोर्ट में भी चला गया है। कोरोना जैसी आपदा में बहुत से परिवारों की आर्थिक स्थिति भी चरमरा गई है लेकिन बिहार क्रिकेट टीम के जूनियर और सीनियर पुरूष-महिला खिलाड़यिों को टीए-डीए तथा मैच फीस का भुगतान नहीं किया गया है।