पटना बिहार क्रिकेट की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं, जहां क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के बीच अधिकृत संघ होने को लेकर लंबे समय से खींचतान चल ही रही थी कि अब बीसीए में भी अलग-अलग गुट होने से घमासान मच गया है। बीसीए ने भोजपुर जिले के आरा में 26 जून 2020 को हुई आमसभा (एजीएम) में अनियमितताओं के आरोप में संघ के तत्कालीन सचिव संजय कुमार को बर्खास्त कर दिया था।
इसके बाद बीसीए ने स्पष्ट किया कि संघ के बर्खास्त सचिव कुमार के किसी भी निर्णय से बीसीए का कोई वास्ता नहीं है। साथ ही उन्हें आमसभा बुलाने का भी अधिकार नहीं है। लेकिन, आज संजीव कुमार ने बीसीए की आमसभा बुलाकर संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और संयुक्त सचिव कुमार अरंिवद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
इससे बीसीए दो गुट में बंट गया। संजय कुमार गुट के बीसीए की मीडिया कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष सुरेश कुमार मिश्र ने रविवार को यहां बताया कि बीसीए से सम्बद्ध जिलों की मांग पर सचिव संजय कुमार द्वारा पटना में वेबिनार के माध्यम से विशेष आमसभा आहूत की गई, जिसमें 28 जिलों के प्रतिनिधियों और सात एसोसिएट सदस्यों ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष तिवारी और संयुक्त सचिव अरंिवद के खिलाफ पेश किये गए अविश्वास प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। बैठक में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसका अध्यक्ष प्रेम रंजन पटेल को बनाया गया है।