नई दिल्ली। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह रिटायरमेंट फैसला लिया था परन्तु ऐलान के बाद में उनके फैंस का दिल टूट गया था। युवराज सिंह सिक्सर किंग के नाम से फैंस के बीच प्रचलित हो चुके है। साल 2011 में वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे युवराज सिंह ने इसके बाद कैंसर से जंग लड़ी और फिर वापसी की। रिटारयमेंट के बाद युवराज सिंह ने अब बताया कि टीम से लंबे समय तक बाहर रहने के बावजूद उन्होंने रिटायरमेंट के फैसले में इतना समय क्यों लगाया। 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी में जब उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' का अवॉर्ड मिला था।
इसके कुछ महीने बाद उन्हें वेस्टइंडीज दौरे के लिए नहीं चुना गया। उसके बाद वह टीम में वापसी नहीं कर पाए। युवराज सिंह ने अपने संन्यास को लेकर कहा, 'जब आप तेज दौड़ रहे होते हैं हो तो आपको अहसास नहीं होता कि क्या हो रहा। फिर आप ड्रॉप होते हैं और अचानक जब आप 2-3 महीने से घर पर बैठ जाते हैं तो आपको लगता है कि बाहर इतना सब कुछ हो रहा है और आप घर बैठे हैं। मैं ऐसे स्तर पर पहुंच गया था, जब क्रिकेट से मानसिक रूप से मेरी कोई मदद नहीं हो रही थी। मैं हमेशा क्रिकेट खेलना चाहता था इसलिए मैं खुद को घसीट रहा था और सोच रहा था कि कब मुझे क्रिकेट से रिटायर होना है।
मुझे रिटायर हो जाना चाहिए या नहीं। क्या मुझे खेलते रहना चाहिए?' इस चीज से इंग्लैंड पर दबदबा बनाएगी वेस्टइंडीज की टीम, तेज गेंदबाज ने किया खुलासा पूर्व श्रीलंकाई खेल मंत्री ने उठाया सवाल, कहा-कैसे 2011 वर्ल्ड कप फाइनल हारते ही कार कंपनी के मालिक बने क्रिकेट अधिकारी? युवराज सिंह ने कहा, 'कई बार मैं क्रिकेट को मिस करता है, लेकिन कई बार कुछ भी मिस नहीं करता। इसकी वजह है मैं बहुत लंबे समय तक खेल चुका था।
मुझे फैंस का बहुत प्यार मिला है और मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं। मुझे इस खेल ने बहुत सम्मान दिया। लगभग 20 साल तक मैं क्रिकेट खेलता रहा फिर मुझे लगा कि यही सही समय है क्रिकेट को अलविदा कहने का। मेरे लिए यह बहुत भावनात्मक समय था। उसे मैं शब्दों में नहीं बता सकता। रिटायर होने के बाद मैंने खुद को फ्री महसूस किया और मानसिक रूप से खुश।'