स्पिनर कुलदीप यादव आजकल गेंद को चमकाने के लिये लार का इस्तेमाल करने की बचपन की आदत छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। कुलदीप के अनुसार तेज गेंदबाज ही नहीं स्पिनर भी गेंद पर लार लगाते आये हैं, इसलिए इस आदत से एकदम से छुटकारा पाना आसान नहीं है। हाल के दिनों में आईसीसी ने गेंद पर लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात कही है क्योंकि आईसीसी की अनिल कुंबले की अगुवाई वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की क्रिकेट समिति ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये लार का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।
कुलदीप ने कहा कि बदले हुए हालातों में किसी भी गेंदबाज के लिये तालमेल बिठाना आसान नहीं होगा। कुलदीप ने कहा, 'बचपन से गेंद को चमकाने के लिये सभी क्रिकेटर खिलाड़ी लार का इस्तेमाल करते आये हैं पर अब कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण ऐसा करने पर रोक है, जिससे गेंदबाजो के लिये काफी परेशानी होगी क्योंकि यह लार लगाने की आदत आज की नहीं काफी बरसों पुरानी है।'
उन्होंने कहा, 'फिलहाल तो मैं बिना लार लगाये गेंदबाजी करने का प्रयास कर रहा हूं। पर मुझे उम्मीद है कि जब क्रिकेट अपनी पूरी रफ्तार से शुरू हो तो तब तक शायद कोरोना वायरस संक्रमण समाप्त हो जाए या कोई और विकल्प निकल आये। कुलदीप ने कहा कि क्रिकेटरों को भी सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि मैंने भी लाकडाउन का पूरी तरह से पालन किया है।
अब जब लाकडाउन खुल गया तो मैंने कानपुर के लाल बंगले इलाके में रोवर्स मैदान पर अभ्यास आरंभ कर दिया है। मैं अपने कोच कपिल पांडेय के साथ सुबह साढ़े सात से नौ बजे तक अपनी फिटनेस पर काम करता हूं उसके बाद शाम चार बजे से आठ बजे तक गेंदबाजी का अभ्यास करता हूं। 'कुलदीप ने कहा, 'मैंने एक सप्ताह पहले ही अभ्यास शुरू किया था और मुझे विश्वास है कि जल्द ही मैं पूरी तरह से मैदान में वापसी के लिये तैयार हो जाऊंगा। मैं अपने क्रिकेट के मैदान पर वापसी के लिये बेकरार हूं।' साथ ही कहा कि अगर हालात और बेहतर होते हैं तो आईपीएल की संभावनाओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये।