कानपुर। क्रिकेट इतिहास में आज 21 साल पहले 26 मई 1999 को भारत के दो दिग्गज बल्लेबाज सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ जब मैदान में उतरे, तो एक इतिहास बना गए। यह कारनामा था वर्ल्डकप में भारत की सबसे बड़ी साझेदारी का। 1999 वर्ल्ड कप का 21वां मैच भारत और श्रीलंका के बीच इंग्लैंड के टाउंटोन में खेला जा रहा था। वैसे तो यह मुकाबला भारत ने आसानी से जीत लिया मगर गांगुली-द्रविड़ ने जो साझेदारी की, उसे कोई नहीं भूल सकता। श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का डिसीजन लिया।
रणतुंगा ने यह निर्णय इंग्लैंड की तेज उछाल वाली पिचों को देखकर लिया था। उन्हें लगा कि पिच पर बाउंस ज्यादा है, ऐसे में उनके गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बना लेंगे। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डाटा के मुताबिक, भारत के ओपनर बल्लेबाज सदगोपन रमेश और सौरव गांगुली ओपनिंग करने क्रीज पर आए। अभी पहला ही ओवर फेंका गया कि पांचवीं गेंद पर रमेश को श्रीलंका के वास ने बोल्ड कर दिया। तीसरे नंबर पर बैटिंग करने आए भारत की दीवार कहे जाने वाले दाएं हाथ के बल्लेबाज राहुल द्रविड़। द्रविड़ की पहचान एक टेस्ट बल्लेबाज के रूप में थी।
सभी को लगा कि वह एक छोर संभाले रखेंगे और दूसरा बल्लेबाज रन बनाएगा, मगर उस दिन राहुल कुछ अलग ही रंग में थे। एक तरफ जहां गांगुली ताबड़तोड़ रन बनाए जा रहे थे, तो द्रविड़ भी रुकने वाले नहीं थे। पहले ओवर में विकेट गिरने के बाद दोनों बल्लेबाजों ने ऐसे साझेदारी की, 45 ओवर तक भारत का दूसरा विकेट नहीं गिरा। गांगुली-द्रविड़ ने उस दिन 318 रनों की रिकॉर्डतोड़ पार्टनरशिप की, विश्व कप में इससे बड़ी पाटर्नरशिप आज तक कोई भी बल्लेबाज नहीं बना पाए।
आउट होने से पहले दादा ने जहां 158 गेंदों में 183 रन बनाए थे, वहीं द्रविड़ के बल्ले से 129 गेंदों में 145 रन निकले। गांगुली और द्रविड़ की इस रिकॉर्डतोड़ साझेदारी की बदौलत भारत ने निर्धारित 50 ओवर में 373 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में श्रीलंका की टीम 216 रन पर ऑलआउट हो गई और भारत यह मैच 157 रन से जीत गया। कहा जाता है कि एक दिन किसी न किसी खिलाड़ी का जरूर होता है। शायद वो दिन सौरव गांगुली का था, दादा ने पहले तूफानी पारी खेली बाद में गेंदबाजी में भी जौहर दिखाए। पार्टटाइम गेंदबाज दादा ने इस मैच में 5 ओवर फेंके, जिसमें उन्होंने 37 रन देकर 2 विकेट चटकाए।