नई दिल्ली। स्पोर्ट्स का सामान बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई कंपनी स्पार्टन ने सचिन तेंदुलकर से माफी मांगते हुए अपना कानूनी केस सुलझा लिया है। सचिन ने 2016 में स्पार्टन के साथ करार किया था, जिसके तहत यह क्रिकेट दिग्गज कंपनी के सामान का प्रचार करता था, लेकिन बाद में सचिन ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए फेडरल कोर्ट से यह कहा था कि करार में उल्लेखित नियमों का पालन नहीं किया गया और रॉयल्टी-एंडोर्समेंट फीस भी नहीं दी गई। साथ ही करार रद्द होने के बाद भी उनके नाम का इस्तेमाल किया गया।
अब स्पार्टन कंपनी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार करते हुए कोर्ट का आदेश मान लिया है। सचिन के फोटो वाले पंजीकृत ट्रेडमार्क को भी रद्द कर दिया गया है। कंपनी की तरफ से कहा गया, 'स्पार्टन सचिन से उनके स्पॉन्सरशिप करार के उल्लंघन को लेकर माफी मांगती है और सचिन का इस मामले के निपटने तक धैर्य बनाए रखने के लिए धन्यवाद देती है। स्पार्टन कंपनी सार्वजनिक तौर पर यह कबूल करती है कि उसका सचिन के साथ 17 सितंबर 2018 के बाद से कोई करार नहीं है।'