मुंबई। न्यूजीलैंड ने सोमवार को क्राइस्टचर्च टेस्ट में भारत को 7 विकेट से हरा दिया। इसी के साथ सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप किया। टीम इंडिया 8 साल बाद सीरीज के सभी टेस्ट हारी है। इससे पहले दिसंबर 2011 में ऑस्ट्रेलिया ने अपने घर में भारत को 4-0 से क्लीन स्वीप किया था। क्राइस्टचर्च में खेले गए मैच के तीसरे दिन न्यूजीलैंड ने 7 विकेट से जीत हासिल की। तीसरे दिन 6 विकेट पर 90 रन से आगे खेलते हुए दूसरी पारी में पूरी भारतीय टीम महज 124 रन पर ढेर हो गई। न्यूजीलैंड के सामने जीत के लिए 132 रन का लक्ष्य था जिसे 3 विकेट गंवाकर मेजबान टीम ने जीत हासिल कर लिया।
टेस्ट सीरीज में भारत की करारी हार के जिम्मेदार बल्लेबाज रहे। भारतीय टीम का एक भी बल्लेबाज टेस्ट सीरीज में शतक नहीं लगा पाया। बल्लेबाजी का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि भारतीय टीम चार पारियों में महज एक बार ही 200 का आंकड़ा पार कर पाई। टेस्ट सीरीज में बुरी नाकामी के बाद युवा विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत निशाने पर आ गए हैं।
चार पारियों में रिषभ पंत महज 60 रन ही बना पाए। रिषभ पंत को टीम में दिग्गज विकेटकीपर साहा की जगह चुना गया था। हालांकि पंत के बुरी तरह से फ्लॉप होने के बावजूद कप्तान विराट कोहली ने उनके सिलेक्शन का बचाव किया है। विराट ने कहा, 'पंत ने विकेट के पीछे काफी मेहनत की है। इसिलए हमने इस सीरीज में पंत को मौका देने का फैसला किया। हमारा मानना था कि पंत इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। पूरी टीम ही बल्लेबाजी में बुरी तरह से नाकाम रही।
कप्तान विराट कोहली ने जल्द ही पंत की जगह टीम में किसी और विकेटकीपर बल्लेबाज को मौका देने के संकेत भी दिए हैं। उन्होंने कहा, 'रिषभ पंत को काफी मौके दिए जा चुके हैं। अब यह देखने का समय है कि क्या किसी और को टीम में मौका दिया जाए। टीम में कोई भी अपनी जगह पक्की नहीं समझ सकता। कोई भी यह सोचकर टीम में नहीं आता है कि उसे हर मैच खेलने का मौका मिलेगा।
न्यूजीलैंड के खिलाफ पूरी सीरीज में ही भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज नाकाम रहे। मयंक अग्रवाल, विराट कोहली, पुजारा, रहाणे में से कोई भी दिग्गज बल्लेबाज उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया। टेस्ट सीरीज में खुद एक भी फिफ्टी नहीं लगा पाए कोहली ने पुजारा और रहाणे का भी बचाव किया है। उनका कहना है कि एक सीरीज खराब जाने से कोई बुरा बल्लेबाज नहीं बन जाता है।