नई दिल्ली। फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ्यूचर कूपन, फ्यूचर रिटेल, फ्यूचर ग्रुप प्रोमोटर किशोर बियानी की संपत्ति कुर्क करने का निर्देश दिया और बियानी और फ्यूचर समूह के अन्य निदेशकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय की एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है।
न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पिछले हफ्ते रिलायंस समूह के साथ विलय के सौदे पर फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के साथ विवाद में ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजॉन के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ के आदेश को बहाल किया गया, जिसने आपातकालीन अवार्ड लागू करने के पक्ष में फैसला सुनाया था। अब इस आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गयी है।